दो साल में मिलना था फ्लैट, 12 साल के बाद भी झोपड़ी में ही रात गुजार रहे हैं लोग

झारखंड हाइकोर्ट के आदेश पर वर्ष 2011 में इस्लाम नगर में जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया. इस अभियान के दौरान 1000 से अधिक घरों को पोकलेन व जेसीबी से तोड़ दिया गया था.

By Prabhat Khabar News Desk | May 21, 2024 7:05 PM

रांची. झारखंड हाइकोर्ट के आदेश पर वर्ष 2011 में इस्लाम नगर में जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया. इस अभियान के दौरान 1000 से अधिक घरों को पोकलेन व जेसीबी से तोड़ दिया गया था. वर्ष 2011 में ही झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह इन बेघरों को इसी जगह पर दो साल में फ्लैट बनाकर आवंटित करे. लेकिन आज 12 साल होने को हैं. अब भी बेघरों को अपना आशियाना नहीं मिला है. हाइकोर्ट के आदेश के बाद वर्ष 2017 में यहां फ्लैट बनाने का प्रस्ताव कैबिनेट में आया. वर्ष 2018 में यहां फ्लैट निर्माण का कार्य शुरू हुआ. एक-एक लाभुकों की सूची तैयार कर उसका सत्यापन करवाया गया. लाभुकों से सहयोग राशि के रूप में 50 हजार की राशि भी निगम ने ले ली. लेकिन कब तक यहां लाभुकों को गृहप्रवेश कराया जायेगा. इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है. इस्लाम नगर के पॉलीटेक्निक की जमीन पर 27 करोड़ की लागत से 291 फ्लैट का निर्माण किया गया है. वर्तमान में फ्लैट निर्माण का यह फाइनल स्टेज में है. झारखंड हाइकोर्ट के आदेश पर वर्ष 2011 में आठ व नौ अप्रैल को इस्लाम नगर में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया था. इस अभियान के दौरान भारी विरोध हुआ था. इसमें पुलिस की गोलीबारी में दो युवकों की मौत भी हुई थी. राज्य सरकार बेघरों को यहां फ्लैट बनाकर देगी, इस इंतजार में इस्लाम नगर के सैकड़ों लोग आज भी पॉलीटेक्निक की जमीन पर झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं. उन्हें इंतजार है कि राज्य सरकार का ध्यान कभी तो इस ओर आयेगा.

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