रांची. रांची विवि ऐसा विवि है, जहां शिक्षकों और कर्मियों को वेतन देने से ज्यादा सेवानिवृत्त शिक्षकों व कर्मचारियों को पेंशन देने में राशि खर्च करनी पड़ रही है. इतना ही नहीं, रांची विवि से सेवानिवृत्त 400 शिक्षकों के कॉलेज अब कालांतर में भले ही नीलांबर-पीतांबर विवि पलामू, कोल्हान विवि चाईबासा और विनोबा भावे विवि हजारीबाग के अंतर्गत आते हैं, लेकिन पेंशन राशि रांची विवि से ही मिल रही है. जिनमें सबसे अधिक शिक्षकों की संख्या कोल्हान विवि में है. यहां लगभग 300 शिक्षक हैं. वहीं नीलांबर-पीतांबर विवि तथा विनोबा भावे विवि में क्रमश: लगभग 50-50 शिक्षक हैं. रांची विवि अंतर्गत लगभग 910 कार्यरत शिक्षकों तथा 700 कर्मचारियों को प्रति माह वेतन में लगभग सवा नौ करोड़ रुपये का भुगतान किया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ 2700 सेवानिवृत्त शिक्षकों व कर्मचारियों को प्रति माह लगभग 14 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा रहा है. नियमानुसार सेवानिवृत्त शिक्षकों व कर्मचारियों को कार्यरत शिक्षकों को मिल रहे वेतन का लगभग आधा हिस्सा ही पेंशन में मिलता है. इसके अलावा सेवानिवृत्त शिक्षक के 80 वर्ष की आयु पार करने पर विवि द्वारा पेंशन में 20 प्रतिशत की अतिरिक्त राशि का भी भुगतान करना पड़ता है. विवि द्वारा फैमिली पेंशन भी राशि दी जाती है.
शिक्षकों के 400 पदों पर होनी है नयी नियुक्तियां
विवि में प्रतिमाह शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं. जबकि इस अनुपात में शिक्षकों की नयी नियुक्ति नहीं हो पा रही है. अब भी विवि में लगभग 400 पद नियमित शिक्षकों के खाली हैं. जिनमें जेपीएससी के माध्यम से ही नियुक्ति होनी है. विवि में अब भी छिटपुट रूप से जेपीएससी द्वारा वर्ष 2015 की अधियाचना पर नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. इनमें पूर्व में ही बैकलॉग के 566 में से लगभग 450 शिक्षकों की नियुक्ति राज्य भर के विवि में हो चुकी है. नियमित शिक्षकों के कई विषयों की नियुक्ति प्रक्रिया फिलहाल जारी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है