रांची (वरीय संवाददाता). 10 बिहार रेजीमेंट के सिपाही पुदना बलमुचू अपनी मांगों को लेकर पिछले सात दिनों से राजभवन के समक्ष परिवार के साथ धरना पर बैठे हैं. वर्ष 1965 और 1971 की लड़ाई में उन्होंने परमवीर चक्र अल्बर्ट एक्का के साथ युद्ध में दुश्मनों के दांत खट्टे किये थे. उस युद्ध में पैैर में गोली लगने से वह घायल हो गये थे. फिर कुछ दिनों बाद वे सेवानिवृत्त हो गये. सेवानिवृत्ति के बाद पिछले 53 सालों से उन्हें पेंशन की राशि नहीं मिली है. साथ ही झारखंड सरकार की ओर से दी जाने वाली पांच एकड़ जमीन भी उन्हें नहीं मिली है. 140 किलोमीटर पैदल चल कर पहुंचे हैं रांची : चाईबासा निवासी सिपाही पुदना बलमुचू वहां से 140 किलोमीटर पैदल चल कर रांची पहुंचे हैं. वह पिछले सात दिनों से धरना के माध्यम से मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार के किसी भी अधिकारी-कर्मचारी ने अब तक उनकी सुध नहीं ली है. पिछले साल भी उन्होंने अपनी मांगों को लेकर धरना दिया था. उस समय मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से चाईबासा डीसी को जमीन देने के लिए कहा गया था, लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं की गयी. पुदना बलमुचू द्वारा धरना दिये जाने की जानकारी मिलने पर भूतपूर्व सैनिकों के संगठन वेटेरन ऑर्गनाइजेशन ऑफ झारखंड के अध्यक्ष मुकेश कुमार धरनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने सिपाही पुदना बलमुचू की पेंशन के लिए इएसएम डायरेक्टर स्टेशन हेडक्वार्टर से बात की. उन्होंने कहा कि उनकी मांगाें को शीघ्र पूरा करने के लिए वे राज्य सरकार के सक्षम पदाधिकारियाें से भी जल्द मिलेंगे. साथ ही संगठन के प्रतिनिधि रक्षा राज्य मंत्री के सामने सिपाही पुदना बलमुचू की समस्या को रखेंगे.
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