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रांची, विवेक चंद्र: झारखंड के 322 इलाकों में आज तक संचार क्रांति दस्तक नहीं दे सकी है. फोन, मोबाइल या इंटरनेट की दुनिया यहां के बाशिंदों से अभी भी दूर है. चुनाव आयोग की लाख मशक्कत के बाद भी इस बार के लोकसभा चुनाव में ऐसे इलाकों के 366 मतदान केंद्रों के लिए किसी तरह का संचार नेटवर्क बहाल नहीं किया जा सका.
दुर्गम इलाके, जहां तत्काल इंटरनेट सेवा पहुंचाना संभव नहीं
ये ऐसे दुर्गम इलाके हैं, जहां लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया सुचारू करने के लिए भी तत्काल लैंडलाइन फोन या इंटरनेट सेवा का पहुंचाना संभव नहीं. इस कारण हर मतदान केंद्र से वोट के दिन वेबकास्टिंग का संकल्प पूरा होता नहीं दिख रहा है. ऐसी स्थिति से निपटने के लिए चुनाव आयोग ने ऐसे मतदान केंद्रों से संवाद कायम रखने के लिए बाइक सवार हरकारों(संदेशवाहक) की सेवा लेने का फैसला किया है. ये हरकारे सेटेलाइट फोन के साथ ऐसे इलाकों में घूमते रहेंगे और एक बूथ से दूसरे बूथ पर जाकर मतदान अधिकारियों की बात प्रशासनिक या चुनाव आयोग के पदाधिकारियों से कराएंगे. संचार छाय़ा इलाके(टेली कम्यूनिकेशन शेडो एरिया) यानी जहां किसी भी संचार नेटवर्क की पहुंच नहीं है, के रूप में चिन्हित ऐसे स्थानों के मतदान केंद्रों से संवाद नहीं टूटने देने के लिए चुनाव आयोग ने राज्य पुलिस के माध्यम से वैकल्पिक संचार साधन के रूप में वायरलेस सेट के भी इंतजाम किए हैं.
चुनाव आयोग की सीधी निगाह से रहेंगे दूर, नहीं हो सकेगी वेबकास्टिंग
लोकसभा चुनाव 2024 में टेली शैडो एरिया के मतदान केंद्र चुनाव आयोग की नजर से दूर होंगे. नेटवर्क नहीं होने की वजह से ऐसे मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग संभव नहीं होगी. कई जिलों में मोबाइल ऑपरेटर को बुला कर नजदीकी टॉवर की फ्रीक्वेंसी भी बढ़ा कर संचार माध्यम बहाल करने की कोशिश की गयी है. इससे कई मतदान केंद्रों पर नेटवर्क मिला भी है. परंतु, कमजोर नेटवर्क होने की वजह से आयोग का केवल उसी पर आश्रित रहना संभव नहीं है.
फोर्स की तैनाती में विशेष सावधानी
संचार नेटवर्क से दूर रहने की संवेदनशीलता को भांपते हुए चुनाव आयोग ने सुरक्षा बलों की तैनाती में विशेष सावधानी बरतने का फैसला किया है.अतिरिक्त बलों की व्यवस्था की जा रही है. ऐसे इलाकों से संबंधित थानों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है. वहां पुलिस फोर्स की भी अतिरिक्त व्यवस्था की गयी है.
18 जिलों में हैं बिना संचार नेटवर्क वाले इलाके
राज्य के 24 में से 18 जिलों में बिना संचार नेटवर्क वाले इलाके हैं. केवल छह जिलों धनबाद, गिरिडीह, रामगढ़, गोड्डा, देवघर व जामताड़ा में ही ऐसे इलाके नहीं हैं. बिना संचार नेटवर्क वाले सबसे अधिक 87 मतदान केंद्र पश्चिम सिंहभूम जिले में हैं. वहीं सिमडेगा में 65, गुमला में 47 व खूंटी में 30 मतदान केंद्र ऐसे इलाके में हैं.
निर्वाचन आयोग सभी मतदान केंद्रों से जुड़ा रहेगा
झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के रवि कुमार ने कहा कि बिना संचार नेटवर्क वाले इलाकों में संचार का प्रबंध किया गया है. वहां मोबाइल बूस्टर लगाया गया है. राइडर प्रतिनियुक्त किये गये हैं. वायरलेस सेट का समुचित इंतजाम किया गया है. इसके अलावा सेटेलाइट फोन की व्यवस्था भी की गयी है. पूरा वैकल्पिक इंतजाम है. आयोग सभी मतदान केंद्रों से लगातार जुड़ा रहेगा. कहीं भी किसी तरह की कोई परेशानी या अव्यवस्था नहीं होने दी जायेगी.
कहां कितने बिना संचार नेटवर्क के मतदान केंद्र
साहेबगंज : 07
पाकुड़ : 03
दुमका : 04
कोडरमा : 06
हजारीबाग : 07
चतरा : 01
बोकारो : 14
पूर्वी सिंहभूम : 20
सरायकेला-खरसावां : 09
पश्चिम सिंहभूम : 87
रांची : 13
खूंटी : 30
गुमला : 47
सिमडेगा : 65
लोहरदगा : 17
लातेहार : 14
पलामू : 07
गढ़वा : 15
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