सरकारी कर्मचारियों एवं बुजुर्गों की तरह अब पत्रकार भी पोस्टल बैलट से वोटिंग कर सकेंगे. चुनाव आयोग ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. बहुत जल्द इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. झारखंड की अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी नेहा अरोड़ा ने सोमवार (18 मार्च) को यह जानकारी दी.
चुनाव में लोगों का वोट डलवाने वाले वोटिंग से वंचित न रहें
नेहा अरोड़ा ने कहा कि पत्रकार चुनाव के दौरान लोगों को वोटिंग के लिए जागरूक करते हैं. वोटिंग प्रक्रिया को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं. ऐसे में वे खुद वोटिंग से वंचित न रह जाएं, इसके लिए चुनाव आयोग को प्रस्ताव भेजा गया था कि पत्रकारों को भी पोस्टल बैलट से वोटिंग की अनुमति दी जाए. इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है. बहुत जल्द इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी.
स्वच्छ, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान में मीडिया की भूमिका अहम
उधर, झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) के रवि कुमार ने कहा कि स्वच्छ, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान के लिए मीडिया की भूमिका अहम है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मंत्रिमंडल (निर्वाचन) विभाग के धुर्वा स्थित कार्यालय में मीडिया कार्यशाला को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मतदाताओं को बिना किसी प्रलोभन के एवं नैतिक मतदान के लिए उनके मताधिकार के प्रयोग के लिए जागरूक करने में अपनी भूमिका निभाएं.
चुनाव के दौरान पड़ रहा है आदिवासियों का पर्व सरहुल
मीडिया के प्रतिनिधियों के लिए आयोजित कार्यशाला के बाद उन्होंने कई विषयों पर बातचीत की. चुनाव के दौरान सरहुल पर्व और चुनाव प्रचार के बारे में जब उनसे पूछा गया, तो के रवि कुमार ने कहा कि हमारे देश में हमेशा कोई न कोई पर्व-त्योहार रहता ही है. जब भी चुनाव होंगे, कोई पर्व या त्योहार होगा. लोग पर्व भी मनाएंगे और लोकतंत्र का महापर्व भी मनाएंगे.
पर्व-त्योहार का नहीं होने देंगे राजनीतिक इस्तेमाल : के रवि कुमार
के रवि कुमार ने कहा कि पर्व-त्योहार के दौरान अगर कोई राजनीतिक पार्टी चुनाव प्रचार के लिए इसका इस्तेमाल करने की कोशिश करेगी, तो उस पर हमारी नजर रहेगी. उन्होंने कहा कि होली का त्योहार आ रहा है, लोग होली मनाएंगे. सरहुल भी मनाएंगे. पर्व-त्योहार की वजह से चुनाव बाधित नहीं होगा. न ही चुनाव की वजह से पर्व-त्योहारों पर कोई असर पड़ेगा.
नेहा अरोड़ा ने इलेक्शन एक्सपेंडिचर मॉनिटरिंग के बारे में की बात
कार्यशाला में झारखंड के अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी नेहा अरोड़ा ने चुनाव खर्च से जुड़े ‘इलेक्शन एक्सपेंडिचर मॉनिटरिंग’ के विभिन्न बिंदुओं एवं आयामों पर विस्तृत चर्चा की. उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों से मीडिया प्रतिनिधियों को अवगत कराया.
संदीप सिंह ने आदर्श आचार संहिता की जानकारी दी
अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संदीप सिंह ने आदर्श आचार संहिता के बारे में, सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी देव दास दत्ता ने निर्वाचन से संबंधित विभिन्न मामलों, उप निर्वाचन पदाधिकारी (मुख्यालय) संजय कुमार ने मीडिया से संबंधित फेक न्यूज, पेड न्यूज जैसे विभिन्न विषयों के बारे में बताया.
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आईटी एप्लीकेशंस के इस्तेमाल पर एसएन जमील ने की बात
सिस्टम एनालिस्ट एसएन जमील ने निर्वाचन आयोग के विभिन्न आईटी एप्लीकेशंस के इस्तेमाल के बारे में विस्तार से जानकारी दी. हर सत्र के बाद प्रश्नोत्तर का सत्र भी चला. पत्रकारों के सवालों और उनकी शंकाओं को संबंधित पदाधिकारियों ने दूर किया.
ईवीएम के दौर में सरकारी कर्मचारियों को ही थी पोस्टल बैलट से वोटिंग की सुविधा
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि वर्ष 2004 में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के जरिए मतदान शुरू हुआ. दूर-दराज के क्षेत्रों में ड्यूटी पर तैनात सरकारी कर्मचारियों एवं अधिकारियों को वोटिंग के लिए पोस्टल बैलट उपलब्ध करवाए जाते थे. इसके बाद यह सुविधा 80 साल से अधिक की उम्र के बुजुर्गों को मिली. अब यही सुविधा पत्रकारों को भी मिलने जा रही है.