Explainer : जानिए झारखंड की नयी पर्यटन नीति में क्या है खास
सीएम हेमंत सोरेन ने नयी दिल्ली में झारखंड की नयी टूरिज्म पॉलिसी लांच की. उन्होंने निवेशकों को झारखंड आने के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि झारखंड की नयी टूरिज्म पॉलिसी कई मायने में सबसे अलग है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि झारखंड की नयी पर्यटन नीति में क्या है खास.....
Jharkhand Tourism Policy 2021: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नयी दिल्ली में आज झारखंड की नयी टूरिज्म पॉलिसी लांच की. इस लांचिंग में उन्होंने निवेशकों को झारखंड आने के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि झारखंड की नयी टूरिज्म पॉलिसी कई मायने में सबसे अलग है. उन्होंने निवेशकों को बताया कि झारखंड की इस नयी टूरिज्म पॉलिसी के तहत निवेशकों को स्पेशल पैकेज उपलब्ध कराये जायेंगे. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि झारखंड की नयी पर्यटन नीति में क्या है खास…..
First cum first serve के आधार पर मिलेगा special package
नयी टूरिज्म पॉलिसी के तहत राज्य सरकार निवेशकों को First cum first serve के आधार पर स्पेशल पैकेज देगी. साथ ही निवेशकों को कई तरह के Incentives भी दिए जा रहे हैं. इसके तहत ये लाभ मिलेंगे
– Capital Investment पर 10 करोड़ की limit तक 20-25% Subsidy दी जा रही है. ·
– 5 वर्षों तक Net SGST का 75% की छूट दी जायेगी
– 5 वर्षों तक Stamp Duty और Electricity Duty नहीं लगेगी
– महिलाओं, SC, ST एवं दिव्यांगों के लिए Policy में विशेष व्यवस्था की है
– निवेश और Incentives के लिए हमने Single Window System बनाया है
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विलेज टूरिज्म को डेवलप करने पर पॉलिसी में जोर
नयी टूरिज्म पॉलिसी के तहत धार्मिक पर्यटन स्थलों देवघर, पारसनाथ, मधुबन और इटखोरी जैसे धर्मिक स्थलों में नागरिक सुविधाएं प्रदान करने और उनके सौंदर्यीकरण किया जाएगा. इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने एवं और पर्यटन गतिविधियों को प्रकृति के साथ जोडते हुए लातेहार-नेतरहाट-बेतला, चांडिल-दलमा-मिर्चैया-गेटेलसुद इको-सर्किट के विकास का कार्य हो रहा है. इन जगहों पर पर्यटकों के रहने के लिए रेस्ट हाउस की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी. राज्य की वैभवशाली संस्कृति का अनुभव राज्य की जीवंत और विविध संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए फूड फेस्टिवल, इंटर स्टेट कल्चरल प्रोग्राम आयोजित करने पर जोर दिया जा रहा है. ग्रामीण पर्यटन की क्षमता को बढ़ाने के लिए चिन्हित गांवों का सौन्दर्यीकरण, स्थानीय व्यंजनों को बढ़ावा, ग्रामीण जन जीवन को बढ़ावा देना शामिल है. इस संबंध में ग्राम पर्यटन समितियों (वीटीसी) और ग्रामीण पर्यटन उपसमिति का गठन किया जाएगा.
माइनिंग टूरिज्म में संभावनाएं तलाशने की होगी कोशिश
इस पॉलिसी में राज्य की खनिज संपदा को प्रदर्शित करने और खनन पर्यटन के ज़रिए संभावनाओं को तलाशा जायेगा. यह अपने आप में एक नयी खोज है. नयी पर्यटन नीति में एडवेंचर टूरिज्म की गतिविधियों जैसे पैराग्लाइडिंग, वाटर स्पोर्ट्स, रॉक क्लाइम्बिंग, ग्लाइडिंग आदि को बढ़ावा देने का कार्य होगा. वाटर स्पोर्ट्स के लिए तिलैया, मसनजोर, चांडिल, पतरातू, गेतालसूद, केलाघघ, कांके, हटिया जैसे डैम को विकसित करने की योजना है. वीकेंड गेटअवे टूरिज्म के माध्यम से छुट्टी की तलाश करने वालों के लिए झारखंड को रोमांचक पड़ाव बनाया जायेगा.