रांची : झारखंड में परिवार नियोजन कार्यक्रम महिलाओं के कंधे पर ही टिका है, क्योंकि इस अभियान में उनकी हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है. वहीं, पुरुष नसबंदी में रुचि नहीं दिखा रहे हैं, जिससे इनकी संख्या नगण्य है. स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़े के अनुसार, वर्ष 2021-22 में राज्य के मात्र 1257 पुरुषों ने नसबंदी करायी है. वहीं 94,027 महिलाओं ने बंध्याकरण कराया है. पिछले साल की तुलना में पुरुषों में यह आंकड़ा घटा है, जबकि महिलाओं में बढ़ा है. वर्ष 2020-21 में पुरुष नसबंदी 1,408 रही, जबकि बंध्याकरण 87,778 था.
पांच साल के आंकड़ों में भी महिलाओं की भागीदारी अधिक रही है. कोरोना काल में सिर्फ यह आंकड़ा कम रहा है, लेकिन उसके बाद स्थिति सुधरी है. वर्ष 2017-18 में महिला बंध्याकरण की संख्या 99,953 रही, वहीं 1585 पुरुषों ने नसबंदी करायी. इधर, राज्य में परिवार नियोजन को लेकर अपनायी जानेवाली स्थायी और अस्थायी विधि से परिवार को जोड़ने का दायरा बढ़ाया गया है.
गर्भनिरोधक सूई, साप्ताहिक गर्भ निरोधक गोली और कंडोम का प्रयोग बढ़ा है. विशेषज्ञ कहते हैं कि पुरुष दांपत्य जीवन में समस्या और कमजोरी के कारण नसबंदी में रुचि नहीं दिखाते. पुरुष नसबंदी रांची में सबसे अधिक 188 और सिमडेगा में सबसे कम 18 हुई है. वहीं बंध्याकरण पलामू में सबसे अधिक 12,020 और रामगढ़ में सबसे कम 1,486 हुआ है. रांची में बंध्याकरण 4,994 हुआ है.
राज्य में परिवार नियोजन की अस्थायी विधि के तहत कंडोम का दायरा बढ़ा है. राज्य में 1,54,47,425 कंडोम बांटे गये. साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली का वितरण 35,08,930 महिलाओं में किया गया है. गर्भ निरोधक सूई 1,49,795 महिलाओं को दी गयी. इधर, पुरुष नसबंदी करानेवाले को 3,000 रुपये का प्रोत्साहन और बंध्याकरण कराने वाले को 2,000 रुपये दिये जाते हैं.
वित्तीय वर्ष बंध्याकरण नसबंदी
2017-18 99953 1585
2018-19 94848 1482
2019-20 79150 1352
2020-21 87778 1408
2021-22 94027 1257
Posted By: Sameer Oraon