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Jharkhand Weather News: झारखंड में अकाल की आहट, बारिश सामान्य से 45 फीसदी कम, पीले पड़े बिचड़े

झारखंड में सामान्य से करीब 45 फीसदी कम बारिश हुई है. बारिश की कमी का असर अब खेती-बारी पर दिखने लगा है. धान का बिचड़ा पीला पड़ने लगा है. 15 जुलाई तक मौसम के मिजाज में कोई विशेष बदलाव की उम्मीद नहीं है. मॉनसून भी बहुत सक्रिय नहीं होगा.

मनोज सिंह, रांची: झारखंड में मॉनसून कमजोर पड़ गया है. राज्य में सामान्य से करीब 45 फीसदी कम बारिश हुई है. बारिश की कमी का असर अब खेती-बारी पर दिखने लगा है. धान का बिचड़ा पीला पड़ने लगा है. इसको लेकर कृषि विभाग भी गंभीर हो गया है. कृषि विभाग ने बारिश की वर्तमान स्थिति को देखते हुए बिरसा कृषि विश्वविद्यालय से सलाह मांगी है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद को भी राज्य में बारिश और खेती की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया गया है.

विभागीय निदेशक ने जिला कृषि पदाधिकारियों को सतर्क रहने को कहा है. वहीं, कृषि मंत्री बादल ने विभाग के वरीय अधिकारियों के साथ जल्द बैठक कर स्थिति की समीक्षा करने की बात कही है. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी स्थिति बिगड़ी नहीं है. लेकिन, कुछ दिनों तक बारिश की स्थिति इसी तरह रही, तो खरीफ फसल को नुकसान हो सकता है. किसानों का कहना है कि लगता है कि इस बार खेती धोखा दे जायेगी.

कई जिलों में बारिश की स्थिति खराब

राज्य में सबसे खराब स्थिति संताल परगना के साहिबगंज की है. यहां अब तक 340 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, इसकी तुलना में 78.6 मिमी ही बारिश हुई है. चतरा में सामान्य से 69, गोड्डा में 60, जामताड़ा में 61, पाकुड़ में 67, पलामू में 50 फीसदी से कम बारिश हुई है.

15 जुलाई से शुरू होता है रोपा

राज्य में आम तौर पर 15 जुलाई से रोपा शुरू होता है. इससे पूर्व धान का बिचड़ा तैयार किया जाता है. किसानों ने शुरुआती बारिश का लाभ उठाते हुए बिचड़ा तो लगा लिया है, लेकिन उसका ग्रोथ धीमा है. 21 दिनों का बिचड़ा तैयार होने के बाद उसका रोपा होता है. रोपा का काम झारखंड में आम तौर पर अगस्त माह के पहले सप्ताह तक होता है.

कृषि विभाग की पूरी स्थिति पर नजर है. गढ़वा, साहिबगंज, चतरा आदि जिलों में बहुत कम बारिश हुई है. बीएयू और आइसीएआर को स्थिति से अवगत कराया गया है. बीएयू और विभाग के अधिकारियों को वैकल्पिक योजना पर भी नजर रखने को कहा गया है. जल्द ही विभाग स्थिति को देखते हुए निर्णय लेगा.

निशा उरांव, कृषि निदेशक

क्या है मौसम पूर्वानुमान

15 जुलाई तक मौसम के मिजाज में कोई विशेष बदलाव की उम्मीद नहीं है. मॉनसून भी बहुत सक्रिय नहीं होगा. इस दौरान मॉनसून के बहुत सक्रिय होने के लिए कोई सिस्टम नहीं दिख रहा है.

क्या कहना है किसानों का

बूटी गांव में खेती करने वाली सुबाला देवी का कहना है कि धान का बिचड़ा लगा दिया गया है. लेकिन बारिश नहीं होने से बिचड़ा का रंग पीला पड़ने लगा है. आने वाले कुछ दिनों तक यही स्थिति रही, तो बिचड़ा खराब हो जायेगा.

क्या कहते हैं वैज्ञानिक

किसानों की अभी कोई प्राथमिकता नहीं होनी चाहिए. बस एक ही प्राथमिकता है, बिचड़ा बचायें. जैसे भी हो, बिचड़ा में लगातार पानी दें. बिचड़ा खराब हो जायेगा, तो खरीफ का सीजन खराब हो जायेगा.

डीएन सिंह, पूर्व निदेशक अनुसंधान, बीएयू

किस जिले में कितनी बारिश हुई (बारिश : मिमी में)

जिला बारिश हुई सामान्य कमी

बोकारो 144.9 246.1 41%

चतरा 76.6 245.4 69%

देवघर 142.1 273 48%

धनबाद 197.8 296.8 33%

दुमका 173.9 283.9 39%

पू सिंहभूम 290.6 320.2 09%

गढ़वा 79.7 205.3 61%

गिरिडीह 154.0 276.2 44%

गोड्डा 100.1 248.8 60%

गुमला 121.1 299.2 58%

हजारीबाग 137.3 282.7 51%

जामताड़ा 119.1 307.2 61%

जिला बारिश हुई सामान्य कमी

खूंटी 128.7 289.1 56%

कोडरमा 119.0 248.1 52%

लातेहार 131.6 264.2 50%

लोहरदगा 116.4 273.6 57%

पाकुड़ 108.2 331.2 67%

पलामू 83.8 189.6 56%

रामगढ़ 107.0 279.8 62%

रांची 162.1 284.0 43%

साहेबगंज 78.6 340.1 77%

सरायकेला 208.7 281.5 26%

सिमडेगा 180.2 341.2 47%

प सिंहभूम 229.7 277.4 17%

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