झारखंड : किसानों को फिर नहीं समय पर मिल पाये खेती के उपकरण
‘मुख्यमंत्री कृषि उपकरण बैंक’ योजना के तहत किसानों, महिला स्वयं सहायता समूहों व अन्य को कृषि यंत्रों का वितरण करना होता है. इसके लिए सरकार ने 125 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.
रांची : राज्य के किसानों को अनुदान पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री कृषि उपकरण बैंक’ योजना चलायी जा रही है. हालांकि, तीन-चार वर्षों से किसानों को इस योजना का लाभ समय से नहीं मिल रहा है. चालू वित्तीय वर्ष (2023-24) में भी यह योजना फलीभूत नहीं हो पायेगी, क्योंकि अब तक कृषि उपकरणों के लिए टेंडर ही फाइनल नहीं हो पाया है. जबकि इसका राज्यादेश सात फरवरी 2024 को ही जारी हो चुका है. इधर, लोकसभा चुनाव की घोषणा भी हो चुकी है. ऐसे में यह काम अब अगले वित्तीय वर्ष में ही हो पायेगा.
‘मुख्यमंत्री कृषि उपकरण बैंक’ योजना के तहत किसानों, महिला स्वयं सहायता समूहों व अन्य को कृषि यंत्रों का वितरण करना होता है. इसके लिए सरकार ने 125 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. जिन किसानों के पास पहले से बड़ा ट्रैक्टर उपलब्ध है और अगर वे सहायक कृषि यंत्र लेना चाहते हैं, तो वे इस योजना का लाभ ले सकते हैं. अगर वे चाहें तो इसके अलावा भी तीन लाख रुपये तक का कोई कृषि यंत्र ले सकते हैं. उपकरणों पर किसानों को 80 फीसदी (अधिकतम दो लाख रुपये) तक का अनुदान मिलेगा. अनुदान पर मिले ट्रैक्टर और कृषि यंत्रों का उपयोग कृषक समूह कर सकेंगे. इन्हें समूह और समूह के बाहर भाड़े पर भी लगाया जा सकेगा. इससे कृषक संगठन अपनी आय बढ़ा सकते हैं.
970 यूनिट बांटी जायेगी
किसानों के बीच विभिन्न प्रकार के करीब 970 यूनिट उपकरण बांटे जाने हैं. इसके लिए जिलावार लक्ष्य तय किया गया है. इस स्कीम का संचालन झारखंड एग्रीकल्चर मशीनरी टेस्टिंग एंड ट्रेनिंग सेंटर (जेएमएटीटीसी) को करना है. राज्यादेश के आलोक में राशि निकालकर जेएएमटीटीसी के पीएल खाते(प्रॉफिट एंड लॉस एकाउंट) में जमा कर देना है.
उपकरण खरीदारी के लिए बनी है कमेटी
कृषि विभाग ने उपकरणों की खरीदारी के लिए उच्चस्तरीय कमेटी बनायी है. कमेटी के जिम्मे कृषि विभाग में खरीदे जानेवाले कृषि उपकरण की तकनीक तय करनी है. कमेटी तकनीकी प्रारूप फाइनल करेगी. इसमें उद्यान निदेशक को अध्यक्ष बनाया गया है. पहले इस कमेटी के अध्यक्ष कृषि निदेशक थे. कमेटी में सदस्य सचिव जेएएमटीटीसी के कार्यपालक निदेशक बनाये गये हैं.