Farmers Loan In Jharkhand : अब 50 हजार नहीं बल्कि इतने लाख रुपये तक किसानों का ऋण होगा माफ, झारखंड सरकार ने की है ये घोषणा

latest news on jharkhand farmer loan waiver 2021 : श्री उरांव ने कहा कि सरकार आनेवाले वित्तीय वर्ष में 3.65 लाख दिव्यांगों को एक हजार रुपये प्रति माह पेंशन देगी. हेमंत सरकार को अर्थशास्त्र को पूरी जानकारी है. राज्य में आर्थिक गतिविधियों को कैसे बढ़ाया जाये, इसका ज्ञान है. इसी कारण सरकार ने कई ऐसी योजनाएं शुरू करने का निर्णय लिया है, जिससे लोगों के पॉकेट में पैसा जाये. यह या तो आर्थिक सहायता से संभव है, या सब्सिडी से. सरकार ने तय किया है कि 15 लाख लोगों को राशन कार्ड बनाया जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | March 8, 2021 11:10 AM

Jharkhand news, agriculture loan waiver in jharkhand 2021 : रांची : बजट पर राज्य सरकार की ओर से जवाब देते हुए वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 से एक लाख रुपये तक का कृषि ऋण माफ होगा. अभी राज्य में 50 हजार रुपये तक के ऋणी किसानों को इसका लाभ मिल रहा है. अगले साल लोन माफी के लिए सरकार ने 1200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.

श्री उरांव ने कहा कि सरकार आनेवाले वित्तीय वर्ष में 3.65 लाख दिव्यांगों को एक हजार रुपये प्रति माह पेंशन देगी. हेमंत सरकार को अर्थशास्त्र को पूरी जानकारी है. राज्य में आर्थिक गतिविधियों को कैसे बढ़ाया जाये, इसका ज्ञान है. इसी कारण सरकार ने कई ऐसी योजनाएं शुरू करने का निर्णय लिया है, जिससे लोगों के पॉकेट में पैसा जाये. यह या तो आर्थिक सहायता से संभव है, या सब्सिडी से. सरकार ने तय किया है कि 15 लाख लोगों को राशन कार्ड बनाया जायेगा.

इनको एक रुपया किलो की दर से अनाज दिया जायेगा. सरकार राज्य खाद्य निगम से 22 रुपये किलो की दर से अनाज खरीदती है. इसे एक रुपया में देती है. इससे करीब 21 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है. सरकार ने मनरेगा मजदूरी में भी 31 रुपये की बढ़ोतरी की है. यह पैसा जब लोगों की जेब में जायेगा, तो आर्थिक गतिविधि भी बढ़ेगी. श्री उरांव ने कहा कि पूर्व की सरकार ने किसानों को चिनिया बादाम खाने के लिए 2000-3000 रुपये दिये थे. वर्तमान सरकार किसानों को उस कहावत से मुक्ति दिलाना चाहती है, जिसमें कहा जाता था : किसान कर्ज में जन्म लेते हैं और कर्ज में ही मरते हैं.

पैसा देकर एहसान नहीं कर रहा है केंद्र :

श्री उरांव ने कहा कि बार-बार यह बात कही जा रही है कि केंद्र के पैसे की योजना बनी है. बोलनेवालों को पता होना चाहिए कि केंद्र पैसा देकर राज्य पर एहसान नहीं कर रहा है. यह हमारा अधिकार है. इस अधिकार के लिए हम लड़ाई लड़ते हैं. हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में केवल तर्क नहीं, एक उद्देश्य भी है. सरकार ने झारखंड की संस्कृति और पहचान के लिए इसे पेश किया है. अगर हम झारखंड राज्य की लड़ाई लड़नेवाले जयपाल सिंह और शिबू सोरेन को भूल जायेंगे, तो जनता हमें कभी माफ नहीं करेगी.

राज्य में करीब 13 लाख किसान हैं ऋणी

राज्य में 30 मार्च 2020 तक करीब 13 लाख ऋणी किसान हैं. इन पर करीब 5777 करोड़ रुपये का ऋण है. चालू वित्तीय वर्ष (2020-21) में सरकार ने 50 हजार रुपये तक लोन वाले किसानों को ऋण माफ करने का निर्णय लिया है. परिवार के एक ही सदस्य का ऋण माफ किया जा रहा है.

बैंक ऋणी राशि

बैंक ऑफ इंडिया 34743 1459.63

बैंक ऑफ बड़ौदा 12943 55.87

केनरा बैंक 23724 129.94

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 39844 219.55

धनबाद सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक 2266 6.35

एचडीएफसी 212 15.70

आइडीबीआइ बैंक 7851 42.39

इंडियन बैंक 68221 380.12

इंडियन ओवरसीज बैंक 2823 12.24

झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक 378605 1859.13

झारखंड स्टेट कोऑपरेटिव बैंक 6489 18.49

पंजाब नेशनल बैंक 71596 415.98

पंजाब एंड सिंध बैंक 127 0.99

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 276565 897.95

यूको बैंक 17470 66.53

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 39408 194.05

Posted By : Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version