झारखंड के 3 लाख एनपीए खाताधारी किसानों को नहीं मिला है ऋण माफी योजना का लाभ, जानें क्या है वजह
झारखंड के तीन लाख एनपीए खाताधारक किसानों को ऋण माफी योजना का लाभ नहीं मिला है, सरकार के अनुसार इसका लाभ उन किसानों को ही देने का प्रावधान किया है, जिनका खाता स्टैंडर्ड है.
रांची: राज्य सरकार ऋण के बोझ से लदे किसानों का ऋण माफ कर रही है. इसके लिए अब तक नौ लाख से अधिक किसानों को चिह्नित किया गया है. इनके अतिरिक्त राज्य के तीन लाख एनपीए खाताधारक किसानों को ऋण माफी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. कारण यह है कि सरकार ने ऋण माफी स्कीम का लाभ उन किसानों को ही देने का प्रावधान किया है, जिनका खाता स्टैंडर्ड है.
एनपीए होने के कारण तीन लाख किसानों का खाता स्टैंडर्ड नहीं है. दूसरी ओर, नौ लाख में से अब तक सरकार ने करीब 3.75 लाख किसानों का करीब 1500 करोड़ ऋण माफ कर दिया है. अगले वित्तीय वर्ष (2022-23) में भी ऋण माफी के लिए 915.86 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
अभी राज्य सरकार 50 हजार रुपये तक का ऋण माफ कर रही है. करीब 1507 करोड़ रुपये केसीसी का एनपीए राज्य में हैं. बैंकों ने ऋण लेनेवाले करीब छह लाख किसानों की डाटा इंट्री की है. तीन लाख किसानों के डाटा इंट्री का काम बाकी है. विभाग बैंकों से आग्रह कर रहा है कि ज्यादा से ज्यादा ऋण लेनेवाले किसानों की डाटा इंट्री करें.
17 लाख केसीसी कार्डधारी हैं :
राज्य में करीब 17 लाख केसीसी कार्डधारी हैं. पहले से राज्य में करीब 13.17 लाख केसीसी कार्डधारी थे. अभी ड्राइव चला कर करीब 3.81 लाख नये कार्डधारी बनाये गये हैं. इसके अतिरिक्त करीब पांच लाख से अधिक किसानों का केसीसी आवेदन जिलों में जमा है.
छह माह के लिए किसानों को मिलता है केसीसी कार्ड
किसानों को खेती के लिए बैंकों से एक लाख रुपये तक का किसान क्रेडिट कार्ड दिया जाता है. छह माह के अंदर किसान इससे राशि निकाल कर खेती कर सकते थे. डेढ़ साल तक पैसा वापस नहीं करने पर खाता को एनपीए कर दिया जाता है.
परिवार में एक ही सदस्य को मिल रहा है लाभ
राज्य सरकार ने तय किया कि किसी भी परिवार के एक ही सदस्य को ऋण माफी का लाभ मिलेगा. किसान ऋण माफी पोर्टल पर बैंक विवरण अपलोड करते हैं. अब तक छह लाख किसानों का विवरण पोर्टल पर अपलोड हो चुका है. इस विवरणी के लिए आधार और राशन कार्ड नंबर जरूरी है. आधार कार्ड से सही लाभुक की पहचान होती है. इसके लिए इ-केवाइसी एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसके द्वारा प्रज्ञा केंद्र में किसान अपने केसीसी ऋण खाता के विवरण को इ-केवाइसी मशीन में अपने अंगूठे के निशान से पुष्टि करते हैं.
Posted By: Sameer Oraon