किसान खेतों में जुताई आरंभ कर दें, पाटा नहीं करें

रांची और आसपास के इलाके में लगातार किसी न किसी दिन हो रही बारिश और अगले दिनों के मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए बिरसा कृषि विवि अंतर्गत कृषि मौसम एवं पर्यावरण विज्ञान द्वारा किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की गयी है

By Prabhat Khabar News Desk | May 10, 2020 3:50 AM

रांची : रांची और आसपास के इलाके में लगातार किसी न किसी दिन हो रही बारिश और अगले दिनों के मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए बिरसा कृषि विवि अंतर्गत कृषि मौसम एवं पर्यावरण विज्ञान द्वारा किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की गयी है. विभाग के अध्यक्ष डॉ ए वदूद ने बताया कि अगले चार दिनों तक आसमान में बादल छाये रहने, दिन का औसत तापमान 23 डिग्री सेंटीग्रेट तथा हवा की औसत गति 16 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की संभावना है. जबकि 12 एवं 13 मई को हल्की वर्षा हो सकती है. इस स्थिति में किसानों को सलाह दी गयी है कि मिट्टी में नमी रहने के कारण वे खाली पड़े खेतों की जुताई आरंभ कर दें. साथ ही खेतों में पाटा नहीं करें. जो किसान अदरख, हल्दी या ओल की खेती करना चाहते हैं. वे खेत की तैयारी कर बोआई (बीज/कंद लगाना) प्रारंभ करें.

बीज को बोने से पहले फफूंदनाशी दवा वेविस्टिन का उपयोग करें. इसके लिए दो ग्राम वेविस्टिन दवा को एक लीटर पानी में अच्छी तरह मिलाकर बीज को कम से कम एक घंटे डुबोकर छोड़ दें. फिर बीज की बोआई करें. खरीफ मौसम में रोपा धान के खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए हरी खाद वाली फसल जैसे धैंचा व सनई आदि की बोआई 20-25 किलो प्रति एकड़ बीज की दर से कर सकते हैं.

किसनों को सलाह दी जाती है कि बाली निकलने की अवस्था वाली फसलों में कीटाणुओं से बचाव के लिए कीटनाशी दवा क्लोरपाइरीफोस धुल या क्वीनांल्फोस धुल या मिथाइल पराथियोन धुल का भुरकाव 10 किलो प्रति एकड़ की दर से शाम के समय मौसम साफ रहने पर कर लें. बोया गयी फसल अगर पुष्पावस्था में हो, तो संभावित थ्रिप्स (चुरदे) कीट से बचाव के लिए कीटनाशी दवा ट्राइजोफोस या प्रोफेन्फोस का छिड़काव एक मिली प्रति लीटर पानी की दर से मिलाकर शाम के समय मौसम साफ रहने पर कर सकते हैं. लत्तरदार सब्जियों में फल लगना शुरू हो गया हो, तो नीम से बना कीटनाशी जैसे अचूक/ नीमेरीन/ नीमेसिडीन में से किसी एक दवा का 5 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर मौसम साफ रहने पर छिड़काव कर सकते हैं. जो किसान बरसात के मौसम में फल के पौधे लगाना चाहते हैं, उन्हें गड्ढा खोदकर खुला छोड़ देने की जरूरत है.

Next Article

Exit mobile version