झारखंड: खरीफ के मौसम में सूखे की मार झेल चुके किसानों को रबी फसल से थीं उम्मीदें, कम बारिश ने बढ़ायी परेशानी
अक्टूबर से दिसंबर के बीच का समय रबी की खेती के लिए उपयुक्त है, लेकिन झारखंड में मध्य जनवरी तक ये समय चला जाता है. कम बारिश होने के कारण रबी फसल भी प्रभावित हो गयी है. किसान अभी ठीक से खरीफ के मौसम में सूखे की मार से उबरे नहीं थे कि उन्हें रबी से भी नाउम्मीदी दिखने लगी है.
रांची : झारखंड के किसानों की चिंता कम होने का नाम नहीं ले रही है. इनकी परेशानियां बढ़ती ही जा रही हैं. खरीफ के मौसम में सूखे की मार झेलकर किसान अभी ठीक से उससे उबरे भी नहीं थे कि रबी ने भी उन्हें निराश कर दिया. किसानों को रबी से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन कम बारिश से इन उम्मीदों पर भी पानी फिर रहा है. पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण किसानों की चिंता बढ़ गयी है.
रबी फसल प्रभावित होने से बढ़ी चिंता
अक्टूबर से दिसंबर के बीच का समय रबी की खेती के लिए उपयुक्त है, लेकिन झारखंड में मध्य जनवरी तक ये समय चला जाता है. कम बारिश होने के कारण रबी फसल भी प्रभावित हो गयी है. किसान अभी ठीक से खरीफ के मौसम में सूखे की मार से उबरे नहीं थे कि उन्हें रबी से भी नाउम्मीदी दिखने लगी है. इससे चिंता लाजिमी है. मौसम विभाग की मानें, तो झारखंड में एक नवंबर से 16 फरवरी तक 41.3 मिलीमीटर औसत बारिश की तुलना में इस बार सिर्फ 0.3 मिलीमीटर बारिश हुई है.
कम बारिश ने बढ़ायी परेशानी
मौसम वैज्ञानिक की मानें, तो झारखंड में अक्टूबर महीने में 25 फीसदी अतिरिक्त बारिश हुई है, लेकिन उसके बाद बारिश बिल्कुल नहीं हुई. मौसम बिल्कुल सूखा रहा. पिछले साल 26 दिसंबर के बाद बिल्कुल वर्षा नहीं हुई थी.