ranchi news : फादर हॉफमैन ने सीएनटी एक्ट की ड्राफ्टिंग की, इनसाइक्लोपीडिया मुंडारिका की रचना भी की

फादर जेबी हॉफमैन की पुण्यतिथि 19 नवंबर (मंगलवार) को है. फादर हॉफमैन उन मिशनरियों में एक हैं, जिनका छोटानागपुर के आदिवासियों की जिंदगी पर गहरा प्रभाव रहा.

By Prabhat Khabar News Desk | November 18, 2024 7:10 PM

फादर हॉफमैन की पुण्यतिथि 19 नवंबर को

रांची.

फादर जेबी हॉफमैन की पुण्यतिथि 19 नवंबर (मंगलवार) को है. फादर हॉफमैन उन मिशनरियों में एक हैं, जिनका छोटानागपुर के आदिवासियों की जिंदगी पर गहरा प्रभाव रहा. वे मिशन कार्यों के लिए 1877 में भारत पहुंचे थे. भारत आने के बाद फादर हॉफमैन ने छोटानागपुर को कार्यस्थली बनाया. रांची, बंदगांव और खूंटी के सरवदा क्षेत्र में रहे. यहां आने के बाद श्रम कर हिंदी और मुंडारी भाषा सीखी. आदिवासी संस्कृति और परंपराओं का गहन अध्ययन किया. फादर हॉफमैन ने मुंडारी ग्रामर तैयार किया. उनका एक और महत्वपूर्ण कार्य था इनसाइक्लोपीडिया मुंडारिका की रचना. यह कोश 15 वॉल्यूम में है, जिसमें लगभग पांच हजार पेज हैं. मुंडा संस्कृति को केंद्र में रखकर रची गयी, यह सबसे बड़ी रचना है. फिलहाल डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान में इसका हिंदी अनुवाद का काम चल रहा है.

मुंडा संस्कृति का अध्ययन किया

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फादर हॉफमैन को मुंडा संस्कृति के अध्ययन के दौरान आदिवासियों की समस्याओं का पता चला. उन्हें मालूम चला कि जमींदारों की वजह से आदिवासियों के हाथों से उनकी जमीनें छीनी जा रही हैं, जिसकी प्रतिक्रिया स्वरूप आदिवासी इलाके में असंतोष बना हुआ था और विद्रोह हो रहे थे. इसके बाद जब अंग्रेज सरकार ने छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट पर काम शुरू किया, तो उसकी ड्राफ्टिंग में फादर हॉफमैन का महत्वपूर्ण योगदान रहा. फादर हॉफमैन को छोटानागपुर कैथोलिक को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी के निर्माण का श्रेय भी जाता है. इस सोसाइटी के माध्यम से ग्रामीणों को जरूरत के समय आर्थिक मदद मिल सकी. प्रथम विश्वयुद्ध के शुरू होने के बाद उन्हें वापस जर्मनी लौटना पड़ा था. वहीं उनकी मृत्यु 19 नवंबर 1928 को हुई इनसाइक्लोपीडिया मुंडारिका के अंतिम खंडों को उन्होंने वहीं रहकर पूरा किया था.

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