जर्मनी ने अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए शुक्रवार को रांची के मरांग गोमके जयपाल सिंह एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम में अमेरिका को 2-0 से हराकर एफआईएच महिला ओलंपिक क्वालीफायर का खिताब जीता. उसने फाइनल में पहुंचने के साथ पहले ही पेरिस ओलंपिक में अपनी जगह पक्की कर ली थी. जर्मनी ने अपने दोनों गोल पहले हाफ में किए. उसकी तरफ से यह गोल जेट फ्लेशफुट्ज (तीसरे मिनट) और सोंजा जिमरमैन (20वें मिनट) ने दागे. इस तरह से जर्मनी ने आठ टीमों के टूर्नामेंट में शीर्ष स्थान हासिल किया.
जर्मनी, जापान और अमेरिका ओलिंपिक में
जर्मनी के अलावा उपविजेता अमेरिका और तीसरे स्थान पर रहने वाले जापान ने पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया. जापान ने इससे पहले तीसरे और चौथे स्थान के मुकाबले में भारत को 1-0 से हराया. विश्व में पांचवें नंबर की टीम जर्मनी को फाइनल में मजबूत दावेदार माना जा रहा था और उसने अपनी इस ख्याति के अनुरूप ही प्रदर्शन किया. जर्मनी की टीम ने मैच में 12 पेनल्टी कार्नर हासिल किए, जिनमें से एक पर वह गोल करने में सफल रही. अभी तक अपने सभी मैच जीतने वाली अमेरिका की टीम एक भी पेनल्टी कॉर्नर हासिल नहीं कर पाई. जर्मनी ने फ्लेशफुट्ज के मैदानी गोल की मदद से तीसरे मिनट में ही बढ़त हासिल कर ली थी. उसने अमेरिका पर लगातार दबाव बनाए रखा और पहले क्वार्टर में ही चार पेनल्टी कार्नर हासिल किए, लेकिन वह इनमें से किसी को भी गोल में नहीं बदल पाया.
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जर्मनी और जापान की टक्कर
जिमरमैन ने 20वें मिनट में पेनल्टी कार्नर को गोल में बदलकर जर्मनी की बढ़त दोगुनी कर दी. इसके दो मिनट बाद जर्मनी को दो और पेनाल्टी कार्नर मिले लेकिन वह इन पर गोल नहीं कर पाया. उसने 26वें मिनट में अपना दसवां पेनल्टी कार्नर हासिल किया था. अमेरिका की टीम ने तीसरे और चौथे क्वार्टर में थोड़ी लय हासिल की लेकिन वह जर्मनी की मजबूत रक्षापंक्ति को भेदने में नाकाम रही.
जापान ने तोड़ा भारत का सपना
भारतीय महिला हॉकी टीम क्वालीफायर में तीसरे स्थान के मुकाबले में जापान से 0-1 से हारकर पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने से चूक गई. जापान के लिए छठे मिनट में काना उराता ने पेनल्टी कॉर्नर पर गोल किया जो निर्णायक साबित हुआ. जापान ने शुरू ही से आक्रामक खेल दिखाकर भारतीय डिफेंस पर दबाव बनाया. इसी क्रम में उसे दूसरे ही मिनट में गोल करने का पहला मौका मिला लेकिन भारतीय कप्तान सविता ने मुस्तैदी से गेंद को दूर कर दिया.
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यहां हुई चूक
भारतीय खिलाड़ियों ने सर्कल के भीतर हमले बोले लेकिन जापानी गोल के आसपास नहीं पहुंच सके. जापान को फिर एक पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन भारतीय रक्षापंक्ति ने गोल नहीं होने दिया. दो मिनट बाद भारत ने एक और पेनल्टी कॉर्नर गंवाया जिस पर उराता ने सविता के पैरों के बीच से गेंद निकालकर गोल कर दिया. जापानी खिलाड़ियों ने भारतीय डिफेंस को लगातार दबाव में रखा. भारत के पास 12वें मिनट में गोल करने का सुनहरा मौका था जब मोनिका ने दाहिने फ्लैंक से शानदार क्रॉस दिया लेकिन लालरेम्सियामी का शॉट बार के ऊपर से निकल गया. भारत ने दोनों फ्लैंक का इस्तेमाल नहीं किया और ज्यादातर हमले दाहिने फ्लैंक से किए.