मोरहाबादी के मरांग गोमके जयपाल सिंह एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम में 13 जनवरी से एचआइएफ हॉकी ओलिंपिक क्वालिफायर के मैच होना है. रांची पहुंच चुकी सारी टीमें अपनी तैयारी में जुट चुकी हैं. खुद को बेहतर बनाने के लिए टीमें जहां अभ्यास कर रही हैं, वहीं खुद को परखने के लिए टीमें आपस में अभ्यास मैच खेल रही हैं. मंगलवार को इस कड़ी में दो मैच खेले गये. पहला मैच जापान और यूएसए के बीच एक बजे से खेला गया. पूरे समय तक दोनों टीमें एक दूसरे के खिलाफ कोई गोल नहीं कर सकीं. वहीं दूसरे अभ्यास मैच में जर्मनी ने भारत को 4-2 से हराया. जर्मनी की टीम ने बुधवार को मीडिया के साथ बातचीत की और अभ्यास मैच के दौरान आई कठिनयों और चुनौतीयों के बाते में सभी को बताया. वहीं जर्मनी के कोच ने कहा भारत आकार भारत के खिलाफ ही खेलना हमारे लिए बेहतरीन मौका है. जब भारतीय टीम जर्मनी आई थी तब हमने बेहतरीन मैच खेला था और डांस किया था. ऐसे ही बेहतरीन मैच की उम्मीद हम इस टूर्नामेंट में भी करते हैं.
एफआईएच हॉकी ओलंपिक्स क्वालीफाईइंग मैच खेलने के लिए रांची पहुंची जर्मनी की टीम के कोच वैलेंटिन अल्टबर्ग और कैप्टन नाइक लौरेंज ने मीडिया से बातचीत की. वहीं अपने भारत आने के अनुभव पर कोच कहते हैं कि ‘भारत आकर भारत के खिलाफ ही खेलना हमारे लिए बेहतरीन मौका है. हालांकि यहां आने से हमारे समय और मौसम में काफी बदलाव हुआ है, जो हमारे लिए चैलेंज हैं. लेकिन पिछली गर्मियों में टीम इंडिया जर्मनी आई थी. हमने बेहतरीन मैच खेला था और डांस किया था. ऐसे ही बेहतरीन मैच की उम्मीद हम इस टूर्नामेंट में भी करते हैं.’
पिच पर खेलने में आ रही कठिनाइ पर कैप्टन कहती हैं यह पिच बहुत बाउंसी है. कई बार बॉल डाइवर्ट हो जाती है. लेकिन हम धीरे-धीरे इसके आदि हो रहे हैं. वह आगे कहती है कि हर नई जगह एक नई चुनौती लेकर जरूर आती है. हमारे लिए भी है लेकिन प्रैक्टिस के साथ हम इससे निकल जाएंगे. वहीं, कोच कहते हैं कि हमारे लिए ये मायने नहीं रखता है कि हमने पहले के और टूर्नामेंट में कितना बेहतर प्रदर्शन किया हो. हमारे लिए ये क्वालिफाइंग टूर्नामेंट जरूरी है. तो हम बिल्कुल नए सिरे से ये टूर्नामेंट खेलना चाहते हैं. कोच आगे कहते हैं कि टूर्नामेंट में जीत को लेकर हम पूरी तरह से आस्वस्त नहीं हैं. हम बस बेहतर गेम खेलना चाहते हैं और बाकी टीमों को कड़ी टक्कर देना चाहते हैं.