कोयला मजदूरों पर बनी फिल्म रैट ट्रैप को मिला सत्यजीत रे सिल्वर अवार्ड फॉर सेकेंड बेस्ट डॉक्यूमेंट्री अवार्ड
कोयला मजदूरों पर बनी फिल्म रैट ट्रैप इससे पहले देश के अन्य शहरों जैसे शिमला, पटना, कोलकाता, पंचगनी के साथ-साथ झारखंड के कई शहरों में दिखायी गयी है. कोलकाता में यह फिल्म दूसरी बार दिखायी गयी है.
रांची: कोयला मजदूरों पर बनी फिल्म ‘रैट ट्रैप’ को कोलकाता में आयोजित छठी साउथ एशियन शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में ‘सत्यजीत रे सिल्वर अवार्ड फॉर सेकेंड बेस्ट डॉक्यूमेंट्री अवार्ड’ से सम्मानित किया गया है. यह फिल्म फेस्टिवल 3 जुलाई से 8 जुलाई तक कोलकाता के नंदन फिल्म एंड कल्चर सेंटर में आयोजित किया गया था. फिल्म रैट ट्रैप के निर्देशक रुपेश कुमार साहू हैं. इसके निर्माता मेघनाथ और बीजू टोप्पो हैं. इस फिल्म में कोयला मजदूरों के संघर्ष की कहानी है.
कोलकाता में दूसरी बार दिखायी गयी फिल्म रैट ट्रैप
कोलकाता के नंदन फिल्म एंड कल्चर सेंटर में छठी साउथ एशियन शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया था. यह फिल्म फेस्टिवल 3 जुलाई से 8 जुलाई तक आयोजित किया गया था. कोयला मजदूरों पर बनी फिल्म रैट ट्रैप को सत्यजीत रे सिल्वर अवार्ड फॉर सेकेंड बेस्ट डॉक्यूमेंट्री अवार्ड से सम्मानित किया गया. निर्माता मेघनाथ के साथ फिल्म निर्देशक रुपेश कुमार साहू ने अवार्ड ग्रहण किया. रुपेश कुमार साहू ने बताया कि कोयला मजदूरों पर बनी फिल्म रैट ट्रैप इससे पहले देश के अन्य शहरों जैसे शिमला, पटना, कोलकाता, पंचगनी के साथ-साथ झारखंड के कई शहरों में दिखायी गयी है. कोलकाता में यह फिल्म दूसरी बार दिखायी गयी है.
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कोयला मजदूरों की कहानी है रैट ट्रैप
फिल्म रैट ट्रैप के निर्देशक रुपेश कुमार साहू बताते हैं कि फिल्म रैट ट्रैप उन कोयला मजदूरों की कहानी कहती है, जो चोरी छिपे कोयला निकालकर शहरों में बेचते हैं और अपनी जीविका चलाते हैं. इस काम के दौरान कई बार इनके साथ दुर्घटना भी हो जाती है और लोग उसमें दब कर मर जाते हैं. इस फिल्म के निर्माता मेघनाथ और बीजू टोप्पो हैं.