राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के दौरान विकास योजनाओं पर 80 प्रतिशत तक खर्च होने का अनुमान किया है. खर्च के अनुमान के मद्देनजर 8000 करोड़ रुपये से अधिक सरेंडर किये जाने का अनुमान है. हालांकि कोषागारों से अंतिम दिन तक निकासी का विस्तृत ब्योरा मिलने के बाद ही खर्च का वास्तविक आंकड़ा मिल सकेगा.
योजना विकास विभाग द्वारा खर्च से संबंधित तैयार ब्योरे में इस बात का उल्लेख किया गया है कि 22 मार्च तक सभी विभागों ने विकास योजनाओं के लिए निर्धारित राशि में से 2855.53 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. खर्च की गयी यह रकम संशोधित योजना आकार का 64.19 प्रतिशत है. हालांकि खर्च की गयी यह रकम पूर्व निर्धारित योजना आकार के मुकाबले 57.71% है.
सरकार ने कोविड-19 की वजह से राजस्व में गिरावट दर्ज किये जाने की वजह से योजना आकार को 48924.94 करोड़ रुपये से घटा कर 44018.59 करोड़ रुपये कर दिया था. सरकार ने 22 मार्च तक विकास योजनाओं पर किये गये खर्च के हिसाब से मार्च के अंतिम दिन तक 80% राशि खर्च हो पाने का अनुमान किया है. इससे 8000 करोड़ रुपये से अधिक सरेंडर किये जाने का अनुमान है. हालांकि कोषागारों से अंतिम दिन तक निकासी का ब्योरा मिलने के बाद ही मिलेगा वास्तविक आंकड़ा.
विभाग योजना खर्च उपलब्धि
कृषि 1633.88 726.80 44.48%
पशुपालन 86.68 19.09 22.02%
डेयरी 126.33 26.16 20.70%
मत्स्य 51.18 24.78 48.41%
सहकारिता 216.00 53.09 24.57%
भवन निर्माण 478.00 159.06 33.27%
वाणिज्य कर 10.00 1.56 15.60%
पेयजल 1320.20 931.62 70.57%
ऊर्जा 2585.00 1459.14 56.46%
उत्पाद 10.00 4.94 49.40%
खाद्य आपूर्ति 1376.15 917.81 66.69%
वन पर्यावरण 511.11 408.37 79.90%
स्वास्थ्य 2772.71 2491.56 89.86%
विज्ञान प्रावैधिकी 233.40 103.92 44.52%
उच्च शिक्षा 522.06 316.19 60.57%
मुख्यमंत्री बोले : कोरोना के बावजूद लगातार हुए राज्य में विकास कार्य: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन तक योजना तथा गैर योजना दोनों मिलाकर 70 फीसदी तक राशि खर्च होने का अनुमान जताया है. मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि देर रात तक यह चलेगा, इसलिए ठीक-ठीक नहीं बता सकते. हालांकि पिछले वर्ष जितनी राशि खर्च हुई थी, उसके आसपास ही इस वर्ष भी राशि खर्च होने का अनुमान है. सीएम ने कहा कि कोरोना के बावजूद विकास योजनाओं पर पर्याप्त खर्च हुआ और लगातार काम हुए.
सरयू राय ने कहा : बजट का 75 फीसद खर्च होना चमत्कारिक- निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा है कि वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन बजट का 75 प्रतिशत तक खर्च हो जाना सुखद है लेकिन आश्चर्यजनक भी. पूरा देश कोरोना का प्रकोप झेल रहा था़ वित्तीय कार्य सुस्त थे़ जनवरी के मध्य में राज्य सरकार का बजट व्यय करीब 38 प्रतिशत था़ अंतत: 75 प्रतिशत तक पहुंच गया. अब आवश्यक है कि बजट व्यय की गुणवत्ता का विश्लेषण किया जाये़ सरकार का गुणवत्ता व्यय कितना है, इसकी पड़ताल होनी चाहिए़
Posted by: Pritish Sahay