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लाखों रुपये गबन के आरोप में खादी भवन जमशेदपुर के प्रबंधक पर प्राथमिकी दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला

खादी भवन जमशेदपुर के पंजी के अनुसार 31 मार्च 2015 को कस्तूरबा संस्थान को बकाया मद में अध्यक्ष के निर्देश पर राशि का भुगतान 10 लाख रुपये अंकित पाया गया.

रांची : 10 लाख रुपये गबन के आरोप में खादी भवन जमशेदपुर के प्रबंधक विभूति कुमार राय के खिलाफ झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड रांची के निरीक्षक दीनदयाल शर्मा ने सुखदेवनगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. इसमें कहा है कि झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड का ऑडिट 17 अगस्त 2021 से 17 दिसंबर 2021 तक हुआ था. इसके बाद दो मार्च 2022 को ऑडिट रिपोर्ट में 10 लाख रुपये के गबन का मामला सामने आया.

केंद्रीय वस्त्रागार रोकड़ पंजी के अनुसार 19 अप्रैल 2014 को केनरा बैंक रांची के खाता से पांच हजार रुपये की नकद निकासी कर खादी भवन जमशेदपुर के प्रबंधक को पांच लाख रुपये व्यवस्था खर्च के लिए दिया गया था. फिर 29 अप्रैल 2014 को एक्सिस बैंक रांची के खाता से 29 अप्रैल 2014 को दो लाख रुपये और 28 अप्रैल 2014 को केनरा बैंक रांची के खाता से तीन हजार की निकासी कर नकद राशि व्यवस्था खर्च के लिए विभूति कुमार राय को दिया गया था.

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खादी भवन जमशेदपुर के पंजी के अनुसार 31 मार्च 2015 को कस्तूरबा संस्थान को बकाया मद में अध्यक्ष के निर्देश पर राशि का भुगतान 10 लाख रुपये अंकित पाया गया. जबकि रोकड़ पुस्तिका में उसी तिथि को अन्य प्रविष्टियों की लिखावट में भिन्नता पायी गयी. जबकि इससे संबंधित संचिका जांच के समय प्रस्तुत नहीं किया गया. साथ ही अन्य तथ्यों में भी गड़बड़ी पायी गयी. इसके बाद विभूति कुमार राय से स्पष्टीकरण मांगा गया.

14 नवंबर 2022 को उन्होंने स्पष्टीकरण का जवाब दिया. साथ ही कहा कि उक्त 10 लाख रुपये वे तत्कालीन अध्यक्ष से प्राप्त कर या अपने वेतन/जीपीएफ से राशि प्राप्त कर तीन माह के अंदर बोर्ड को लौटा देंगे. इसके बाद विभूति कुमार राय ने 31 जुलाई 2023 को दो लाख, नौ अक्तूबर 2023 को तीन लाख और 16 अक्तूबर 2023 को पांच लाख रुपये लौटाये.

इससे स्पष्ट है कि झारखंड राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की राशि किसी जिम्मेदार पदाधिकारी के आदेश के बिना अपने पास विभूति कुमार राय ने रखी. यह पूरी तरह से गैरकानूनी है. यह गबन का मामला बनता है, क्योंकि अप्रैल 2014 से अक्तूबर 2023 तक 10 लाख रुपये की सरकारी राशि अपने उपयोग के लिए अपने पास रखा. इसलिए इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाये.

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