बंद भूमिगत खदान में आग, कभी भी जमींदोज हो सकती है बस्ती
केडीएच के करकट्टा स्थित खिलानधौड़ा बस्ती अंगारों पर बसी हुई है. जमीन के नीचे लगी आग के कारण यह बस्ती कभी भी जमींदोज हो सकती है. हालांकि, इस खतरे को लेकर सीसीएल प्रबंधन सशंकित है.
सुनील कुमार (डकरा) : केडीएच के करकट्टा स्थित खिलानधौड़ा बस्ती अंगारों पर बसी हुई है. जमीन के नीचे लगी आग के कारण यह बस्ती कभी भी जमींदोज हो सकती है. हालांकि, इस खतरे को लेकर सीसीएल प्रबंधन सशंकित है. प्रबंधन खिलानधौड़ा बस्ती को खाली कराने के प्रयास में जुट गया है. खिलानधौड़ा बस्ती में कुल 150 मकान हैं, जहां करीब 1200 की आबादी रह रही है, जो खतरे में है. आग करीब तीन किमी के दायरे में फैली हुई है. इन इलाकों के पेड़ पौधे भी मर चुके हैं. सुबह से शाम तक जमीन से धुआं निकलता रहता है. केडीएच परियोजना पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह के अनुसार, संभावित खतरे को देखते हुए इसकी जानकारी राज्य सरकार को दी गयी है. बस्ती के लोगों को खतरे से आगाह किया गया है. प्रबंधन ने हाउस कंपनसेशन प्लान के तहत रैयतों को जमीन खाली करने को कहा है. जमीन खाली करनेवाले रैयतों को मुआवजा देने का भी प्रावधान है. सीसीएल प्रबंधन की ओर से बस्ती के लोगों को आगाह करने का काम शुरू कर दिया गया है. मंगलवार से बस्ती के आवासों पर नोटिस चिपकाने का भी काम शुरू हो चुका है. लाउडस्पीकर से ग्रामीणों को आगाह किया जा रहा है. जगह-जगह सूचना पट्ट लगाये जा रहे हैं. सीसीएल के पीओ कहा कि बस्ती के मुखिया संतोष महली को खतरे की जानकारी दी गयी है. उनसे बस्ती खाली करने में सहयोग करने को कहा गया है.