Loading election data...

स्वास्थ्य विभाग का अजब खेल : पहले नियुक्त किया, फिर सात महीने बाद हिसाब कर सेवा से हटा दिया

एचआर एजेंसी मेसर्स जेएसआर एग्जामिनेशन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड ने बताया कि मानवीय भूल के कारण पांच अभ्यर्थियों का हो गया था चयन, विज्ञापन में प्रकाशित अर्हता के अनुरूप उनका मेरिट नहीं था.

By Prabhat Khabar News Desk | July 31, 2024 12:27 AM

बिपिन सिंह, रांची.

झारखंड ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन समिति और स्वास्थ्य विभाग में नियुक्तियों को लेकर अजब खेल चल रहा है. कार्यालय आदेश से विज्ञापन निकालकर पहले कर्मचारियों को नियुक्त किया गया, उनके हाथों में नियुक्ति संबंधी अप्वाइंटमेंट लेटर थमाया गया और सात महीने के कार्यकाल के दौरान इनका झटपट हिसाब-किताब कर उन्हें नौकरी से चलता कर दिया गया. इनकी नियुक्ति की प्रक्रिया 29 दिसंबर 2023 को शुरू की गयी थी. लेकिन सात महीने बाद 29 जुलाई को जांच के बाद एक बार फिर से कार्यालय आदेश निकाला गया. इसमें पांच अभ्यर्थियों को अर्हता पूरी नहीं कर पाने की जानकारी देने के बाद मानदेय भुगतान कर कार्यमुक्त करने का आदेश जारी कर दिया गया. आदेश जारी होने के साथ ही मामले की जानकारी राज्य के मुख्य सचिव को भी दे दी गयी.

विभिन्न जगहों पर किया गया था पदस्थापित

हैरत की बात यह है कि डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कम लॉजिस्टिक कंसल्टेंट, हॉस्पिटल मैनेजर जैसे महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त हुए इन लोगों को पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा मुख्यालय, डीपीएचएल रांची जैसी जगहों के विभिन्न संस्थानों में पदस्थापित किया गया था. इसके बाद एचआर एजेंसी मेसर्स जेएसआर एग्जामिनेशन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड ने बताया कि मानवीय भूल के कारण पांच अभ्यर्थियों का मेरिट विज्ञापन में प्रकाशित अर्हता के अनुरूप नहीं है. इसके बावजूद उनका चयन गलती से हो गया है.

एजेंसी द्वारा की गयी थी बहाली

इन लोगों की बहाली की प्रक्रिया पिछले साल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड अंतर्गत विभिन्न तकनीकी और गैर तकनीकी वर्ग में की गयी थी. इसके लिए कुल 1219 पदों पर नियुक्ति के लिए एचआर एजेंसी मेसर्स जेएसआर एग्जामिनेशन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड को प्राधिकृत किया गया था. उक्त एजेंसी ने प्रकाशित विज्ञापन के विरुद्ध प्राप्त आवेदनों के आधार पर लिखित परीक्षा और प्रमाण पत्रों के सत्यापन के बाद अंतिम रूप से चयनित अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट की अंतिम सूची तैयार की थी.

इन्हें नियुक्ति के सात महीने बाद ठहराया गया अयोग्य

जिन लोगों को नियुक्ति के बाद अयोग्य ठहराया गया, उनमें फाइनेंस कम लॉजिस्टिक कंसल्टेंट के ताैर पर कार्यरत विश्वजीत कुमार, गुलनार मुसर्रत, हॉस्पिटल मैनेजर सत्यनारायण, माइक्रोबायोलॉजिस्ट-आइडीएसपी कुमारी मनीषा और राज्य अधिकारी कोल्ड चेन, राज्य मुख्यालय विशाल कुमार पाठक शामिल हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version