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सीएम हेमंत के नतृत्व में टीएसी की पहली बैठक सम्पन्न, इन मुद्दों पर हुई चर्चा, बाबूलाल मरांडी समेत दो नेताओं ने किया बहिष्कार

उनको बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करानी होगी. इसके लिए ठोस उपाय करने होंगे. आदिवासियों के हित में लंबित मुद्दों का निबटारा जल्द करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि टीएसी के माध्यम से ही राज्य को दिशा देने की कार्ययोजना तैयार की जायेगी. झारखंड को अग्रणी राज्यों की श्रेणी में खड़ा किया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में टीएसी की नियमावली 20 वर्ष में नहीं बनी थी.

By Prabhat Khabar News Desk | June 29, 2021 2:31 PM

Jharkhand News, Ranchi News रांची : राज्य की गठबंधन सरकार के कार्यकाल में ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (टीएसी) की पहली ऑनलाइन बैठक सोमवार को हुई. इस मौके पर बतौर टीएसी के अध्यक्ष व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदिवासियों को शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ाने की आवश्यकता बतायी. कहा कि आदिवासियों के अस्तित्व में उनकी जमीन अहम है. हमें बदलते समय के अनुरूप कार्य करना होगा. आदिवासियों की जनसंख्या में आ रही कमी को रोकना होगा.

उनको बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करानी होगी. इसके लिए ठोस उपाय करने होंगे. आदिवासियों के हित में लंबित मुद्दों का निबटारा जल्द करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि टीएसी के माध्यम से ही राज्य को दिशा देने की कार्ययोजना तैयार की जायेगी. झारखंड को अग्रणी राज्यों की श्रेणी में खड़ा किया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में टीएसी की नियमावली 20 वर्ष में नहीं बनी थी.

वर्तमान सरकार ने नियमावली बना कर विधिवत रूप से सभी सदस्यों का मनोनयन किया है. राज्य को अलग पहचान दिलाने के लिए आदिवासियों की भूमिका तय करनी होगी. जनजातीय समुदाय के लिए बेहतर कार्ययोजना तैयार करने में टीएसी मददगार साबित होगा.

मुख्यमंत्री ने राज्य के 27 प्रतिशत आदिवासियों के हित में विशेष चिंतन करने की जरूरत बतायी. कहा कि आदिवासियों का सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीतिक पहलू सुदृढ़ करना होगा. आदिवासियों को राज्य के सर्वांगीण विकास का हिस्सा बनाने के लिए मानक तय करने होंगे. आदिवासी समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ते हुए योजनाबद्ध विकास में टीएसी के सदस्यों का सुझाव महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा.

झारखंड और आदिवासी हित में होगा काम : चंपई

बैठक में टीएसी के उपाध्यक्ष सह कल्याण मंत्री चंपई सोरेन ने विभिन्न कानूनों के माध्यम से आदिवासियों को लाभ पहुंचाने की जरूरत बतायी. कहा कि टीएसी के मूल उद्देश्यों को धरातल पर उतारा जायेगा. झारखंड व आदिवासी हित में कार्य होगा. राज्य निर्माण के 20 साल बाद भी आदिवासी उत्थान, आदिवासियों की आर्थिक व्यवस्था और जनसंख्या की कमी का समाधान नहीं हुआ है.

टीएसी की पहली बैठक थी. इसमें कोई एजेंडा नहीं था. पिछली बैठक तीन अगस्त 2018 को हुई थी, उसे संपुष्ट करना था. लेकिन सभी सदस्यों का मानना था कि पिछली सरकार के एजेंडे को बिना अध्ययन व समीक्षा के पास नहीं किया जा सकता है. इसलिए इस पर चर्चा अगली बैठक में हो. 2018 की कार्यवाही संपुष्ट नहीं की गयी.

– स्टीफन मरांडी, झामुमो विधायक व टीएसी सदस्य

वर्तमान टीएसी ने पिछली सरकार के एजेंडे को पारित नहीं किया. सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन पर जिलावार लोगों की राय ली जायेगी. राजनीतिक व सामाजिक संगठनों से बात होगी. इसके साथ स्थानीयता काे परिभाषित करने और वन पट्टा को लेकर सदस्यों ने चर्चा की है. कहा गया कि राज्य में नियुक्तियां स्थानीयता को परिभाषित कर ही की जाये.

-बंधु तिर्की, विधायक व टीएसी सदस्य

  • टीएसी से ही राज्य को दिशा देने की कार्ययोजना

  • टीएसी की बैठक का बाबूलाल मरांडी सहित दो सदस्यों ने किया बहिष्कार

  • सदस्यों ने कहा : पिछली सरकार की नीयत सही नहीं थी, अध्ययन के बाद कार्यवाही संपुष्ट करेंगे

  • रघुवर के कार्यकाल की कार्यवाही पर टीएसी ने नहीं लगायी मुहर

Posted By : Sameer Oraon

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