Ranchi news : पहले चरण में आठ से 10 सीटों पर कांटे की टक्कर, जिसने मारी बाजी, उसका होगा बेड़ा पार

कई सीटों पर मतदाताओं का मूड भांपना आसान नहीं है. कोल्हान पर सबकी नजर है. चंपाई सोरेन को अपने पाले में कर भाजपा ने चुनावी रोमांच बढ़ा दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 14, 2024 8:24 PM

ब्यूरो प्रमुख, रांची. झारखंड में पहले चरण का मतदान खत्म हो गया. राज्य की 43 सीटों पर जनता ने अपना वोट दे दिया है. ये सीटें झारखंड में सत्ता का रास्ता तैयार करने वाली हैं. इनमें से आठ से 10 सीटों पर कांटे की टक्कर है. सभी 43 सीटों पर चुनाव में पक्ष-विपक्ष ने अपनी ताकत झोंकी थी और चुनाव में संघर्ष भी तगड़ा रहा.

कोल्हान की सभी 14 सीटों पर चुनाव हो गये हैं. पिछली बार इस सीट से भाजपा का खाता भी नहीं खुला था. भाजपा की ओर से इस उबड़-खाबड़ राजनीतिक जमीन पर बहुत जोर लगाया गया है. चंपाई सोरेन को अपने पाले में कर भाजपा ने चुनावी रोमांच बढ़ा दिया है. इस चुनाव में भाजपा कोल्हान में पहले से बहुत बेहतर करने की संभावना देख रही है. वहीं, इंडिया गठबंधन के लिए यहां की कुछ सीटों पर नुकसान बताया जा रहा है. हालांकि, 43 सीटों में कई ऐसी सीटें हैं, जिस पर कांटे की टक्कर बतायी जा रही है. इन सीटों पर जिसने बाजी मारी, उसका बेड़ा पार होगा. इंडिया या एनडीए गठबंधन के लिए सत्ता तक पहुंचने की संभावना बनेगी.

कोडरमा : त्रिकोणीय लड़ाई में फंसी है सीट

कोडरमा भाजपा की सीट है. इस बार भाजपा उम्मीदवार डॉ नीरा यादव त्रिकोणीय संघर्ष में फंसती दिख रही हैं. इस सीट पर राजद ने जबरदस्त सेंधमारी की है. वहीं, निर्दलीय उम्मीदवार शालिनी गुप्ता ने एक कोण बना लिया है. इस सीट पर मतदाताओं ने रोमांच बढ़ा दिया है. इंडिया एलायंस के साथ परंपरागत वोट है. वहीं, शालिनी गुप्ता ने भी खूब मेहनत की और अच्छी गोलबंदी दिखायी है.

बड़कागांव : अंबा और रौशन में सीधी लड़ाई

बड़कागांव सीट की तस्वीर भी धुंधली है. इस सीट पर एकदम सीधी फाइट है. बड़कागांव से कांग्रेस उम्मीदवार अंबा प्रसाद और भाजपा उम्मीदवार रौशन चौधरी के बीच चुनावी घमसान है. दोनों ने एक-दूसरे के वोट बैंक में सेंधमारी की है. वोटों का ध्रुवीकरण दोनों के ही पक्ष में हुआ है. ऐसे में परिणाम तक पहुंचने के लिए अंडर करंट को भांपना मुश्किल है.

बहरागोड़ा : झामुमो और भाजपा में घमसान

बहरागोड़ा की सीट भी इंडिया और एनडीए गठबंधन के बीच फंसी है. यहां झामुमो के समीर मोहंती और भाजपा के दिनेशानंद गोस्वामी के बीच ऐसी लड़ाई है कि परिणाम भांप पाना आसान नहीं है. दोनों प्रत्याशियों ने एक-दूसरे के वोट में सेंधमारी की है. कोई कहीं मजबूत है, तो कोई दूसरी जगह. जीत-हार का अंदाज क्षेत्र के लोग भी नहीं लगा पा रहे हैं.

जमशेदपुर पश्चिम : बन्ना व सरयू के बीच चुनावी रंजिश

जमशेदपुर पश्चिम हॉट सीट बन गयी है. इस पर सबकी नजर है. यहां से कांग्रेस उम्मीदवार और मंत्री बन्ना गुप्ता मैदान में हैं. वहीं, जदयू से सरयू राय मैदान में हैं. सरयू जमशेदपुर पूर्वी छोड़ कर यहां आये. यहां दोनों के बीच जबरदस्त चुनावी रंजिश दिखी. बन्ना गुप्ता ने अपने परंपरागत वोट समेटे हैं. वहीं, सरयू राय ने अपनी स्थिति चुनाव नजदीक आते सुधार ली थी. यहां लड़ाई मजेदार हो गयी है.

हटिया : नवीन और शाहदेव में क्लोज फाइट

हटिया सीट ने भी चुनावी तापमान को बढ़ा दिया है. इस सीट पर हार-जीत का फासला कम ही रहना है. इस सीट से भाजपा के वर्तमान विधायक नवीन जायसवाल और कांग्रेस के अजय नाथ शाहदेव के बीच क्लोज फाइट बतायी जा रही है. दोनों ही दलों ने इस सीट के लिए खूब पसीना बहाया. एक-दूसरे के परंपरागत आधार पर चोट पहुंचाने की भी कोशिश की है.

लोहरदगा : रामेश्वर उरांव को आजसू की जबरदस्त चुनौती

लोहरदगा कांग्रेस के लिए साख वाली सीट है. यह सीट भी तीखे संघर्ष में फंसी है. कांग्रेस उम्मीदवार रामेश्वर उरांव के लिए आजसू ने जबरदस्त चुनौती खड़ी कर दी है. आजसू पार्टी पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ी है. वहीं, रामेश्वर उरांव ने अपना परंपरागत वोट बचाने का भरसक प्रयास किया है. दोनों के बीच मुकाबला कड़ा हो गया है.

पांकी : तीन लोगों के बीच में फंसी है सीट

पांकी की सीट का सीन भी क्लियर नहीं है. यह सीट तीन प्रत्याशियों के बीच फंसी दिख रही है. भाजपा के कुशवाहा शशिभूषण मेहता, इंडिया गठबंधन से कांग्रेस उम्मीदवार लाल सूरज और निर्दलीय प्रत्याशी देवेंद्र सिंह उर्फ बिट्टू सिंह के मुकाबले ने इसे रोमांचकारी बना दिया है. हर कोई अपने-अपने पॉकेट वोट के साथ खड़ा है. हार-जीत का अंतर बहुत रहने वाला है.

विश्रामपुर : राजद व भाजपा में घमसान, बसपा भी बना रहा कोण

विश्रामपुर में राजद और भाजपा के बीच घमसान है. वहीं, बसपा एक कोण बना रही है. राजद के नरेश सिंह और भाजपा के पूर्व मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने दोनों के वोट में सेंधमारी की है. बसपा से राजेश मेहता खड़े हैं. इन्होंने भी पूरा जोर लगाया है. पिछली बार वह दूसरे स्थान पर रहे थे. इनका वोट मार्जिन चुनाव तय करेगा. इस सीट पर भी सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता है.

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