रांची. पतरातू में निर्माणाधीन पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) की 800 मेगावाट की पहली यूनिट जनवरी से आरंभ हो जायेगी. पीवीयूएनएल की 800 मेगावाट की यूनिट-1 को जनवरी 2025 में पावर ग्रिड से जोड़ा जा रहा है. इसके साथ ही विद्युत उत्पादन की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. यानी जनवरी से बिजली उत्पादन ग्रिड में भेजा जायेगा. कॉमर्शियल उत्पादन साल के प्रथम तिमाही में कभी भी शुरू हो सकता है.
स्टीम ब्लोइंग प्रक्रिया दो चरणों में पूरी
जानकारी के अनुसार, पतरातू में प्रथम इकाई की स्टीम ब्लोइंग प्रक्रिया दो चरणों में 11 दिसंबर को पूरा कर ली गयी है. स्टीम ब्लोइंग एक अति महत्वपूर्ण और औपचारिक प्रक्रिया है, जो इकाई के जीवन काल में केवल एक ही बार की जाती है. यह प्रकिया निर्माण कार्य के दौरान पाइप्स और ट्यूब्स में लगी धूल, जंग और वेल्डिंग के दौरान बचे हुए अवशेष निकलने के लिए की जाती है. इस प्रकिया में स्टीम की गति बढ़ा कर उसे पाइप्स और ट्यूब्स से प्रवहित किया जाता है. यह सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया. अब केवल ग्रिड से जोड़कर उत्पादन की औपचारिकता बाकी है. पहले फेज में 800 मेगावाट की तीन यूनिट लगनी है. जनवरी महीने से पहली यूनिट से बिजली उत्पादन शुरू हो जायेगा. दूसरी यूनिट का काम सितंबर 2025 व तीसरी यूनिट काम नवंबर 2025 तक पूरा कर लिया जायेगा. यानी दिसंबर 2025 तक 2400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होने लगेगा.
बिजली उत्पादन का 85 प्रतिशत हिस्सा झारखंड को मिलेगा
करार के तहत बिजली उत्पादन का 85 प्रतिशत हिस्सा झारखंड को मिलेगा. जो पहली यूनिट के चालू होने पर 650 मेगावाट के करीब है. वहीं पहले चरण की तीनों यूनिट से उत्पादन होने लगेगा तो 2400 मेगावाट में से करीब 2040 मेगावाट बिजली झारखंड को मिलेगी. वहीं दूसरा चरण पूरा होने पर 4000 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. इसका 85 प्रतिशत यानी करीब 3400 मेगावाट बिजली केवल झारखंड को मिलेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है