पुलिस व सीबीआइ के नाम पर धमकी देकर ठगी करने वाले पांच साइबर अपराधी गिरफ्तार

हांगकांग से जुड़ा है गिरोह का नेटवर्क, सरगना योगेश अग्रवाल जाता था हांगकांग

By Prabhat Khabar News Desk | June 7, 2024 10:51 PM

रांची (वरीय संवाददाता). पुलिस और सीबीआइ के नाम पर गिरफ्तारी की धमकी देकर और निवेश के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के पांच साइबर अपराधियों को साइबर थाना की पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पांचों आरोपियों को शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. गिरफ्तार आरोपियों में बांकुड़ा पुरूलिया निवासी विशाल शर्मा (25 वर्ष), टुंगराटोली हरमू संत फ्रांसिस स्कूल के समीप रहनेवाले विशाला शर्मा (24 वर्ष), हरमू हाउसिंग कॉलोनी मकान संख्या एम-28 निवासी आशीष कुमार (26 वर्ष), बजरा निवासी अंकित कुमार अग्रवाल (42 वर्ष) और हरमू रोड किशोरगंज मकान संख्या 70 निवासी योगेश अग्रवाल (35 वर्ष) शामिल हैं. पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से चार मोबाइल, 12 सिमकार्ड, साइबर ठगी से संबंधित व्हाट्सएप चैट, हांगकांग, इंडोनेशिया और अमेरिका की एक-एक करेंसी, एक कार, एक स्विस घड़ी, एक कंप्यूटर और एक प्रिंटर बरामद किया है. सभी आरोपी इंटर से से लेकर स्नातक तक पढ़े-लिखे हैं. साइबर थाना प्रभारी डीएसपी नेहा बाला के अनुसार 26.97 लाख रुपये की ठगी को लेकर एक केस तीन जून को दर्ज किया गया था. इसमें साइबर अपराधियों ने खुद को दिल्ली पुलिस और सीबीआइ का अधिकारी बताकर पहले फोन किया. इसके बाद बैंक एकाउंट में अवैध ट्रांजेक्शन का हवाला देकर गिरफ्तारी की धमकी देकर उक्त पैसा ट्रांसफर करवा लिया. तीन जून को एक अन्य केस दर्ज हुआ था. इसमें साइबर अपराधियों ने इंस्टाग्राम के माध्यम से इन्वेस्टमेंट का ऑफर देकर 26.90 लाख रुपये की ठगी की थी. दोनों ठगी की घटना रांची में रहने वाले एक महिला और एक पुरुष से हुई थी. अनुसंधान के दौरान साइबर पुलिस को पता चला कि उक्त दोनों घटना को अंजाम देने के लिए एक ही बैंक एकाउंट का प्रयोग किया गया है. ठगी के पैसे को ट्रांसफर करने के लिए आरोपियों ने रांची, गुड़गांव और हरियाणा में 11 पार्टनरशिप फर्म बना रखा था. पार्टनरशिप फर्म में दुर्गा एंड जुगल कंस्ट्रक्शन, सैम फार्मिंग का ऑफिस रांची के इस्टर्न मॉल में, एपेक्स फिनटेक, ट्रस्ट इंटरप्राइजेज, जीवन अर्थवर्क, एसएनवी ट्रेडिंग, शिव कोल ट्रेडिंग, वर्मा कंस्ट्रक्शन, भीम बिटूमिनस कॉर्प, कुमार ट्रेडिंग के ऑफिस राजधानी के अलग-अलग क्षेत्रों में चल रहे थे. उक्त सभी फर्म के एकाउंट को गिरफ्तार चारों आरोपी गिरोह के सरगना योगेश को फर्म का एकाउंट किराया पर देते थे. इसके बाद योगेश इस एकाउंट को हांगकांग स्थित अपने सहयोगियों से साझा करता था. इसके बाद इसमें साइबर ठगी के पैसे ट्रांसफर किये जाते थे. ट्रस्ट इंटरप्राइस के एक इंडसलैंड बैंक एकाउंट में दो दिनों में 4,14,96,171 रुपये क्रेडिट हुआ है. इस बैंक एकाउंट के संबंध में देशभर के विभिन्न राज्यों में 49 शिकायतें दर्ज है. जबकि कोटक बैंक एकाउंट के संबंध में तमिलनाडू, तेलंगाना और महाराष्ट्र में चार शिकायतें दर्ज हैं. योगेश हांगकांग भी आना-जाना करता था.

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