गुमला : ओएलएक्स पर बेचते थे चोरी की महंगी बाइक, पांच गिरफ्तार, छह बाइक बरामद

चोरी की बाइक के फर्जी कागजात बना कर ओएलएक्स पर बेचनेवाले गिरोह के पांच सदस्यों को गुमला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इनके पास से छह महंगी बाइक बरामद की गयी हैं. पांचों अभियुक्तों को गुमला पुलिस ने गुरुवार को न्यायिक हिरासत में प्रस्तुत कर जेल भेज दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | November 22, 2024 1:01 AM

गुमला. चोरी की बाइक के फर्जी कागजात बना कर ओएलएक्स पर बेचनेवाले गिरोह के पांच सदस्यों को गुमला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इनके पास से छह महंगी बाइक बरामद की गयी हैं. गिरफ्तार अपराधियों में कोटाम निवासी महात्मा उरांव, नितेश उरांव, सोसो मोड़ शिवनगर निवासी सूरज कुमार, लोहरदगा जिले के हिरही निवासी अभय उरांव व मुकेश उरांव शामिल हैं. पांचों अभियुक्तों को गुमला पुलिस ने गुरुवार को न्यायिक हिरासत में प्रस्तुत कर जेल भेज दिया. उक्त जानकारी गुमला एसडीपीओ सुरेश प्रसाद यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी.

शांतिनगर मुहल्ले में छापा मार कर पुलिस ने दो को पकड़ा

एसडीपीओ ने बताया कि 20 नवंबर को सूचना मिली थी कि गुमला के शांतिनगर मुहल्ले में एक किराये के घर में चोरी की बाइक रखी गयी हैं. पुलिस ने उस मकान में छापामारी कर वहां रह रहे महात्मा उरांव और उसके सहयोगी नितेश उरांव को पकड़ा. पूछताछ में दोनों ने बताया कि घर के परिसर में खड़ी तीनों बाइक चोरी की हैं. सूरज कुमार को इन बाइक का रजिस्ट्रेशन कार्ड बनाने के लिए दिया गया है. आरोपियों ने बताया कि लोहरदगा के हिरही गांव के रहनेवाले अभय व मुकेश के पास भी चोरी की बाइक है. इसके बाद पुलिस ने हिरही गांव में छापामारी कर उन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया. उनके घर से भी चोरी की तीन बाइक बरामद की गयी. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने रांची, लोहरदगा, गुमला जिले से बाइक चुरायी हैं. छापेमारी दल में थाना प्रभारी सुरेंद्र कुमार सिंह, दारोगा मुनेश तिवारी, राजेंद्र मंडल, हिमांशु शेखर, हवलदार रमेश राम, आरक्षी औरंगजेब खान शामिल थे.

ऐसे बेचते थे चोरी की बाइक

गिरफ्तार महात्मा उरांव ने बताया कि वह चोरी की बाइक के फर्जी कागजात बना कर ओएलएक्स पर बेचता है. कागजात होने की वजह से किसी को कोई शक नहीं होता था. पूछताछ में महात्मा व सूरज ने बताया कि चोरी की बाइक का असली नंबर प्लेट हटा कर मोबाइल से बाइक का नंबर सर्च कर बाइक में लगा देते थे. वहीं, जो नंबर चोरी की बाइक में लगाते थे, उस नंबर की गाड़ी मालिक के पास रहती था. सिर्फ गाड़ी मालिक का नाम व पता रजिस्ट्रेशन कार्ड में उतार देते थे. चोरी की हुई बाइक का इंजन व चेचिस नंबर भी फर्जी रजिस्ट्रेशन कार्ड पर चढ़ा कर असली का रूप दे देते थे, जिससे खरीदने वाले व्यक्ति को कार्ड में गाड़ी का नंबर व इंजन चेचिस का नंबर मिला कर देखने पर सब सही लगता था.

बरामद बाइक व सामान

अपाची बाइक (जेएच-23ए-3287), यामाहा आर-15 (जेएच-04यू-7993), पल्सर (जेएच-23बी-4667), डोमिनार बाइक (जेएच-08जे-6212), पल्सर (जेएच-01एफएफ-6558), पल्सर (जेएच 01इवी-5878), रेडमी कंपनी का एक मोबाइल व दो फर्जी रजिस्ट्रेशन कार्ड बरामद हुए हैं.

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