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पांच उग्रवादी पकड़ाये, एक ने डीएसपी पर तान दी थी पिस्टल

पांच उग्रवादी पकड़ाये

रांची : धुर्वा के टेंट व्यवसायी से 50 लाख रुपये रंगदारी मांगने व 13 नवंबर को गोली चलाने के मामले में पीएलएफआइ के पांच उग्रवादियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इनके नाम अनगड़ा के जमुआरी निवासी एरिया कमांडर तुलसी पाहन, उसके सहयोगी अनगड़ा का मासू निवासी बबलू करमाली, जगन्नाथपुर थाना का कल्याणपुर निवासी राकेश कुमार दास, सतरंजी निवासी प्रदीप गाड़ी उर्फ लादेन व खेलगांव थाना क्षेत्र का सुगनु निवासी राजन मुंडा हैं.

उनके पास से एक कारबाइन, एक पिस्टल, तीन देसी कट्टा, 20 गोली, एक मैगजीन व पांच मोबाइल बरामद किये गये हैं. गिरफ्तारी के दौरान तुलसी पाहन ने डीएसपी पर हथियार तान दिया था, लेकिन पीछे से पुलिस ने कवर किया तो इनकाउंटर के डर से उसने हथियार डाल दिया.

उसके बाद तुलसी करमाली व उसके साथियों को गिरफ्तार किया गया. यह जानकारी एसएसपी सुरेंद्र झा ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में दी. इस दौरान सिटी एसपी सौरभ, ग्रामीण एसपी नौशाद आलम, डीएसपी नीरज कुमार उपस्थित थे.

एसएसपी ने बताया कि सूचना मिली थी कि रांची में 20 से अधिक मामले में वांटेड एरिया कमांडर तुलसी पाहन साथियों के साथ खेलगांव थाना क्षेत्र के सुगनू के कादीटोला गांव में किसी घटना को अंजाम देने के लिए रुका हुआ है. इसके बाद छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार किया गया. एसएसपी ने कहा कि डराने के लिए उग्रवादियों ने हथियार तान दिया था. यदि उधर से एक भी फायरिंग की जाती तो को पुलिस सभी वहीं ढेर कर देती.

व्यवसायियों को बनाया जा रहा है निशाना :

तुलसी पाहन ने बताया है कि खूंटी के रनिया जंगल में वह दिनेश गोप व अवधेश जायसवाल उर्फ चूहा से मिलने के लिए गया था. वहीं पर पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप व अवधेश जायसवाल के द्वारा हथियार दिया गया था. ऐसा उनके द्वारा रांची जिला के विभिन्न क्षेत्रों में कैडर बनाने व व्यवसायियों के बीच दहशत पैदा करने व रंगदारी वसूलने के उद्देश्य से किया गया था.

13 नवंबर को दिनेश गोप व संगठन का सेकेंड मैन अवधेश के कहने पर तुलसी पाहन, राकेश कुमार दास व प्रदीप गाड़ी उर्फ लादेन व अन्य सहयोगियों ने धुर्वा के टेंट व्यवसायी के घर पर गोली चलायी थी. तुलसी की निशानदेही पर तुपुदाना ओपी क्षेत्र से राकेश कुमार दास व प्रदीप गाड़ी उर्फ लादेन को गिरफ्तार किया गया.

एसएसपी ने यह भी बताया कि अवधेश जायसवाल के कहने पर ही एरिया कमांडर व उसके सहयोगी व्हाट्सऐप व इंटरनेट कॉल कर रंगदारी की मांग करते थे, ताकि उनका लोकेशन नहीं मिले. संगठन में कुछ पढ़े लिखे उग्रवादियों को भी रखा गया है, जो सहयोगियों को व्हाट्सऐप व इंटरनेट कॉल करना सिखाते हैं. पीएलएफआइ के लोग आपस में वर्चुअल मीटिंग भी करते हैं, ताकि सही बात की जानकारी नहीं हो सके.

posted by : sameer oraon

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