झारखंड का पहला फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बिजली उत्पादन के लिए पूरी तरह तैयार हो गया है. टाटा स्टील फैक्ट्री परिसर स्थित कूलिंग पौंड में 10.8 मेगावाट क्षमता के फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का निर्माण किया गया है. टाटा पावर रिन्यूबल एनर्जी (टीपीआरइ) द्वारा इस प्लांट का निर्माण लगभग 80 करोड़ की लागत से किया गया है. इसका ट्रायल रन भी पूरा कर लिया गया है. बताया गया कि सोमवार या मंगलवार को ग्रिड से कनेक्टेड होते ही बिजली उत्पादन और वितरण आरंभ हो जायेगा.
पूरी बिजली टाटा स्टील द्वारा ली जायेगी. प्लांट के ऊर्जा विभाग के चीफ इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर द्वारा निरीक्षण की प्रक्रिया भी कर ली गयी है. सब कुछ मानक के अनुरूप पाया गया है. बताया गया कि टाटा स्टील के कूलिंग पौंड के 15 हजार वर्ग मीटर में 10.8 मेगावाट क्षमता का फ्लोटिंग प्लांट लगाया गया है. जहां पांच-पांच मेगावाट के दो प्लांट लगाये गये हैं.
झारखंड बिजली वितरण निगम द्वारा रांची के सिकिदरी स्थित गेतलसूद डैम में वर्ल्ड बैंक की मदद से 800 करोड़ की लागत से 150 मेगावाट के फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाने का फैसला किया गया था. वर्ष 2018 में ही इसकी प्रक्रिया बढ़ी थी. इसके लिए झारखंड बिजली वितरण निगम और सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) के बीच करार भी हुआ. यानी सेकी को ही प्लांट का निर्माण करना है. राज्य के जल संसाधन विभाग ने भी इसके लिए एनओसी दे दी है. पर आज तक टेंडर की प्रक्रिया में ही उलझा हुआ है. अब सात अगस्त को टेंडर खोला जायेगा.
राज्य सरकार की सौर ऊर्जा नीति के अनुसार अगले पांच वर्षों में झारखंड के तीन दर्जन से ज्यादा डैम और जलाशयों के ऊपर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाना है. जिससे लगभग एक से दो हजार मेगावाट के बीच बिजली उत्पादन करने का लक्ष्य है. इधर, जेरेडा द्वारा राज्य का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट चांडिल डैम में बनाया जाना है. यहां 600 मेगावाट का प्लांट बनना है. जिसका सर्वे कार्य पूरा कर लिया गया है.
तेनुघाट डैम में भी 400 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बनना है. इन दोनों प्लांट का निर्माण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत होगा. जेरेडा द्वारा जल्द ही इसकी प्रक्रिया शुरू की जायेगी. बोकारो और गुमला में ऊपरी शंख डैम में भी फ्लोटिंग पावर प्लांट लगाये जाने से संबंधित प्लान का ड्राफ्ट ऊर्जा विभाग ने राज्य सरकार के पास भेजा है.