सीएम हेमंत सोरेन ने पथ निर्माण विभाग के कुल 666.13 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न सड़कों के निर्माण कार्य का आधारशिला रखा. जिसके तहत सिरमटोली चौक से राजेंद्र चौक होकर मेकॉन गोलचक्कर तक 2.34 किमी का फोरलेन फ्लाईओवर-एलिवेटेड आरओबी का निर्माण होगा, जिसकी कुल लागत 339.69 करोड़ रुपये है.
यह रांची के कोकर चौक की तस्वीर है. सड़क के निर्माण के बाद कोकर और कांटाटोली की ओर जाने वाले सड़क ऐसी दिखेगी. यहां लगने वाले जाम की समस्या से भी लोगों को राहत मिलेगी.
यह तस्वीर कडरू की है. फ्लाइओवर बनने के बाद बिल्कुल ऐसी ही सड़क दिखेगी. रांची शहर के अंदर आने वाली सड़कों के संकरा होने से हमेशा जाम लगता रहता है. इन सड़कों के निर्माण के बाद ट्रैफिक की समस्या से बहुत हद तक राहत मिलेगी.
रांची रिंग रोड (नेवरी विकास विद्यालय) से बूटी मोड़ होकर कोकर चौक, कांटाटोली चौक होते हुए नामकोम आर.ओ.बी तक कुल 15.214 किमी फोरलेन का निर्माण होगा. इसकी लागत 129.16750 करोड़ रुपये है.
यह राजेंद्र चौक की ओर जाने वाली तस्वीर है. इसके साथ ही कुल 197.28 करोड़ रुपये की लागत से अरगोड़ा चौक से कटहल मोड़ तक 5.300 किमी सड़क का चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण किया जाएगा. इसके बाद रांची की तस्वीर बदल जायेगी.
बता दें कि तीनों योजना में सबसे पहली परियोजना रातू रोड की है. इसमें एलिवेटेड कॉरिडोर बनाए जाने के लिए मिट्टी की जांच पूरी हो गई है.दूसरी परियोजना सिरम टोली से राजेंद्र चौक होकर मेकन चौक तक फ्लाईओवर बनाने की है. इसके लिए भी मिट्टी जांच का काम हो रहा है. तीसरी परियोजना एनएच-23 पर पिस्का आरओबी बनाने की है.
रांची के कटहल मोड़ से अरगोड़ आने के क्रम में हमेशा सड़क जाम का सामना करना पड़ता है. लेकिन अब रांची में फ्लाईओवर व सड़कों के बनने से पूरे शहर को लाभ होगा. इसके लिए कम से कम जमीन अधिग्रहण किया गया है.