Loading election data...

लालू यादव चारा घोटाले मामले में कैसे फंसे ? जानें इसके पीछे की दिलचस्प कहानी..

लालू यादव मामले आज फैसला आ गया जिसमें लालू समेत 75 लोग दोषी करार किये गये हैं. लेकिन इसके पीछे लालू यादव कैसे फंसे इसके पीछे भी दिलचस्प कहानी है. आइये जानते हैं क्या है

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2022 3:08 PM

रांची : लालू प्रसाद यादव को आज डोरंडा कोषागार अवैध निकासी मामले में दोषी करार किया जा चुका है, ये लालू यादव का पांचवा केस था जिसमें फैसला आना बाकी था. जबकि 4 अन्य मामलों में वो जमानत पर बाहर हो चुके हैं. बता दें कि डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की गयी थी.

इन मामलों में सीबीआई ने अलग अलग निकासी के लिए 53 मामले दर्ज किये थे. ये रुपयों को संदिग्‍ध रूप से पशुओं और उनके चारे पर खर्च होना बताया गया था. तो आइये जानते हैं इस घोटाले की दिलचस्प कहानी. कैसे मामले को भटकाने की कोशिश की गयी थी.

Also Read: चारा घोटाला: डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद दोषी करार, 21 फरवरी से सुनाई जाएगी सजा

ये मामला 1990-92 के बीच का है, जिसमें नेताओं और अफसरों ने मिलकर फर्जीवाड़े की नयी कहानी लिखी. इसमें बताया गया कि 400 सांड़ हरियाणा और दिल्ली से स्कूटर और मोटरसाइकल पर रांची तक ढोया गया. यानी कि जिस गाड़ी नंबर को पशु लाने के लिए दर्शाया गया था वो स्कूटर और मोटरसाइकल के नंबर निकले.

जांच में पाया गया कि कई टन पशुचारा, पीली मकई, बादाम, खल्ली, नमक आदि ढोने के लिए स्कूटर, मोटरसाइकिल और मोपेड का नंबर दिया गया था.

जांच में ये भी सामने आया कि 1990-92 के दौरान 2 लाख 35 हजार में 50 सांड़, 14 लाख 4 हजार से अधिक में 163 सांड़ और 65 बछिया खरीदा गया. तब सीबीआई ने कहा था कि इस मामले में कई नेता अफसर भागीदार हैं.

हालांकि इस मामले में लालू के वकील का कहना है कि लालू प्रसाद यादव ने खुद पत्र लिखकर त्वरित कार्रवाई करने का आदेश दिया था. लेकिन लालू के वकील ने ये भी कहा था सीएम होने की नाते पूरी जिम्मेदारी उनकी थी. जिसे लालू ने ठीक ढंग से पालन नहीं किया. इस जांच में डीएम से लेकर ट्रेजरी अधिकारी सभी शामिल थे और उन लोगों ने ठीक से अपना नहीं किया. लालू प्रसाद यादव ने तो अपना काम कर दिया था.

Posted By : Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version