चारा घोटाला में लालू के अलावा अन्य दोषियों को कितने साल की हुई सजा, जानें अब तक का पूरा घटनाक्रम
डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में में लालू समेत 5 लोगों को 5 - 5 साल की सजा मिली है. जबकि बाकी अभियुक्तों को 4-4 साल की सजा हुई है
रांची : चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले (डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी) में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद समेत 40 अभियुक्तों को तीन से पांच साल तक के सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी. साथ ही सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके शशि ने अभियुक्तों पर एक लाख रुपये से लेकर दो करोड़ रुपये तक का अर्थ दंड भी लगाया.
दंड की राशि जमा नहीं करने पर छह माह से लेकर एक साल तक के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतने का आदेश दिया गया. अदालत ने लालू सहित पांच अभियुक्तों को पांच-पांच साल की सजा दी और 60 लाख से दो करोड़ रुपये तक का दंड लगाया. 32 अभियुक्तों को चार-चार साल की सजा दी गयी. इसमें वारंट जारी होने के बाद हाजिर हुए दो अभियुक्त शामिल हैं. जबकि तीन अभियुक्तों को तीन-तीन साल की सजा दी गयी.
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई सुनवाई :
पूर्व निर्धारित समय पर आरसी47 ए/96 के अभियुक्तों को सजा सुनाने के लिए वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद खामोश रहे. मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार सोमवार की सुबह उनका ब्लड प्रेशर बढ़ा था.
सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद की ओर से कम से कम सजा देने की अपील की गयी. इसके लिए उनकी बीमारी और लंबे समय से चल रहे ट्रायल और जेल में बितायी गयी अवधि को आधार बनाया गया. लालू प्रसाद के अलावा दूसरे अभियुक्तों की ओर से सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान बीमारी, उम्र सहित मुश्किल परिस्थितियों का हवाला दिया गया.
इस दौरान सीबीआइ के अधिवक्ता बीएमपी सिंह ने कहा कि यह एक सामान्य आपराधिक घटना नहीं है. यह एक बड़ा घोटाला है, जिसमें सरकारी राशि को पशुओं के नाम पर सुनियोजित तरीके से निकाला गया. यह एक असाधारण प्रकृति का अपराध है. इसलिए इस मामले में दोषी लोगों को कठोर सजा दी जानी चाहिए, ताकि समाज में एक संदेश जाये.
1.30 बजे अभियुक्तों को सुनायी गयी सजा
सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद अदालत ने 1.30 बजे सजा सुनाये जाने का समय निर्धारित किया. अदालत ने अपराध के दृष्टिकोण से 40 अभियुक्तों को तीन हिस्सों में बांटा. अदालत ने पांच अभियुक्तों को पांच-पांच साल की सजा दी और दो करोड़ रुपये तक का अर्थ दंड लगाया. पांच-पांच साल की सजा पानेवालों में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, पूर्व विधायक आरके राणा, कृष्ण मोहन प्रसाद (पशुपालन अधिकारी), सप्लायर त्रिपुरारी मोहन और मोहम्मद सईद शामिल हैं. अदालत ने लालू प्रसाद और आरके राणा पर 60 लाख रुपये का अर्थ दंड लगाया.
कृष्ण मोहन प्रसाद व मोहम्मद सईद पर 1.50-1.50 करोड़ रुपये और त्रिपुरारी मोहन पर दो करोड़ रुपये का दंड लगाया. अदालत ने रिटायर्ड आइएएस अधिकारी बेक जूलियस सहित 32 अभियुक्तों को चार-चार साल की सजा दी. चार साल की सजा पानेवालों में आइएएस अधिकारी के अलावा पशुपालन अधिकारी, ट्रेजरी आॅफिसर और सप्लायर शामिल हैं. अदालत ने बेक जूलियस पर एक लाख रुपये का दंड लगाया. शेष अभियुक्तों पर एक से 11 लाख रुपये तक का दंड लगाया. अदालत ने तीन पशुपालन अधिकारियों को तीन-तीन साल की सजा दी. इसमें डॉक्टर नलिनी रंजन, डॉक्टर जसवंत सहाय और डॉक्टर राम प्रकाश राम शामिल हैं. इन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.
आरसी 47ए-96में कब क्या हुआ
ट्रेजरी : डोरंडा
निकासी : 139.35 करोड़
सीबीआइ जांच अधिकारी : के थाॅमस
सीबीआइ के पैरवी अधिकारी : बीके सिंह
सीबीआइ के वकील : बीएमपी सिंह
सीबीआइ के गवाह : 575
बचाव पक्ष के गवाह : 25
प्राथमिकी : 16-4-1996
पहला आरोप पत्र : 8-5-2001
दूसरा आरोप पत्र : 7-6-2003
तीसरा आरोप पत्र : 25-6-2003
न्यायालय में संज्ञान : 8-5-2001
आरोप गठन : 16-9-2005
कुल अभियुक्त : 170
सुनवाई के दौरान मौत : 55
सरकारी गवाह (एप्रुवर) बने : 08
फरार अभियुक्त : 06
दोष स्वीकार किया : 02
न्यायिक प्रक्रिया का सामना : 99
फैसला : 15-2-2022
सजा : 21-2-2022
अन्याय असमानता से, तानाशाही जुल्मी सत्ता से लड़ा हूं, लड़ता रहूंगा. डाल कर आंखों में आंखें, सच जिसकी ताकत है, साथ है जिसके जनता, उसके हौसले को क्या तोड़ेंगी सलाखें. इससे पहले उनकी ओर से ट्वीट कर कहा गया कि मैं उनसे लड़ता हूं, जो लोगों को आपस में लड़ाते हैं. वो हरा नहीं सकते, इसलिए साजिशों में फंसाते हैं. ना डरा, ना झुका, सदा लड़ा हूं, लड़ता ही रहूंगा. लड़ाकों का संघर्ष कायरों को ना समझ में आया और ना आयेगा.
इन्हें मिली पांच-पांच साल की सजा
लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री
आरके राणा, पूर्व विधायक
केएम प्रसाद, पशुपालन अफसर
त्रिपुरारी मोहन, सप्लायर
मोहम्मद सईद, सप्लायर
किसे कितनी सजा सुनायी गयी
लालू प्रसाद पांच साल 60 लाख
डाॅ आरके राणा पांच साल 60 लाख
अधिकारी
बेक जूलियस चार साल एक लाख
नित्यानंद कुमार सिंह चार साल दो लाख
महेन्द्र सिंह चार साल पांच लाख
देवेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव चार साल पांच लाख
डाॅ राधारमन सहाय चार साल छह लाख
डाॅ कृष्ण मोहन प्रसाद पांच साल डेढ़ करोड़
डाॅ जुनूल भेंगराज चार साल दो लाख
डाॅ गौरीशंकर प्रसाद चार साल 11 लाख
डाॅ राम प्रकाश राम तीन साल दो लाख
डाॅ जसबंत सहाय तीन साल दो लाख
डाॅ रवींद्र कुमार सिंह चार साल पांच लाख
डाॅ प्रभात कुमार सिन्हा चार साल तीन लाख
डाॅ ललितेश्वर प्र यादव चार साल दो लाख
डाॅ कृष्ण बिहारी लाल चार साल दो लाख
डाॅ अजित कुमार सिन्हा चार साल दो लाख
डाॅ चंदेर किशोर लाल चार साल डेढ़ लाख
डाॅ बिरसा उरांव चार साल तीन लाख
डाॅ शिवनंदन प्रसाद चार साल दो लाख
डाॅ अर्जुन शर्मा चार साल दो लाख
डाॅ मुकेश कु श्रीवास्तव चार साल दो लाख
डाॅ बृज नंदन प्रसाद वर्मा चार साल तीन लाख
डाॅ नलिन प्रसाद सिन्हा तीन साल दो लाख
आपूर्तिकर्ता
रवि नंदन कु सिन्हा चार साल 10 लाख 10 हजार
मो सईद पांच साल डेढ़ करोड़
जगमोहन लाल कक्कड़ चार साल एक करोड़
मोहिंदर सिंह बेदी चार साल एक करोड़
दयानंद प्रसाद कश्यप चार साल एक करोड़
सुरेश कुमार दुबे चार साल ढ़ाई लाख
उमेश दुबे चार साल चार लाख
सत्येंद्र कुमार मेहरा चार साल 15 लाख
राजेश मेहरा चार साल 15 लाख
डा बिजयेश्वरी प्र सिन्हा चार साल एक करोड़
त्रिपुरारी मोहन प्रसाद पांच साल दो करोड़
बालकृष्ण शर्मा चार साल एक लाख
डाॅ अजित वर्मा चार साल 15 लाख
रवि कुमार मेहरा चार साल 10 लाख
महेंद्र कुमार कुंदन चार साल 11 लाख
राजेंद्र कुमार हरित चार साल 20 लाख
Posted By : Sameer Oraon