Lalu Prasad से जुड़े चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में रांची के CBI कोर्ट में अब बचाव पक्ष करेगा बहस
बिहार के पूर्व सीएम व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद सहित 110 आरोपी इस मामले में ट्रायल फेस कर रहे है़ं पहले इस मामले में 170 आरोपी थे, जिसमें कुछ की मृत्यु हो गयी़ पांच आरोपी फरार हैं, जबकि कुछ ने अपना दोष स्वीकार कर लिया है़ ये मामला डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी का है.
Fodder Scam Case, रांची न्यूज (अजय दयाल) : सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में लालू प्रसाद से जुड़े चारा घोटाला के सबसे बड़ा मामले (आरसी-47 ए/ 96) में अभियोजन की ओर से बहस पूरी हो गयी़ बचाव पक्ष की ओर से बहस नौ अगस्त से शुरू होगी. सुनवाई ऑनलाइन चल रही है़ डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी से जुड़ा ये मामला है.
अभियोजन ने 575 गवाह के बयान के आधार बहस पूरी की़ बचाव पक्ष 27 आरोपियों की गवाही के आधार पर बहस करेगा. ये मामला डोरंडा कोषागार से 1990 से 1995 के बीच 139.35 करोड़ के अवैध निकासी से जुड़ा हुआ है. इस मामले में अभियोजन की ओर से 15 ट्रंक में रखे दस्तावेज का उल्लेख करते हुए बहस की गयी. यह जानकारी वरीय विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने दी.
सीबीआइ के वरीय विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि 139.35 करोड़ के अवैध निकासी फर्जी आवंटन, फर्जी आपूर्ति पत्र, विपत्र के द्वारा की गयी थी. इसमें पशु, चारा, दवा व उपकरण बिना आपूर्ति किये उक्त राशि की निकासी की गयी़ इस मामले में गवाहों ने यह भी बताया था कि पशु ढुलाई के लिए स्कूटर, बाइक, ऑटो, जीप आदि का प्रयोग किया गया था़ यह बातें देशभर से इस मामले में गवाही के लिए आये 150 डीटीओ की गवाही में सामने आयी है़ इसमें पशुपालन विभाग की बजट से 229 प्रतिशत अधिक निकासी की गयी थी़ इसमें पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय पशुपालन अधिकारी, वित्त विभाग के अधिकारी, बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री लालू प्रसाद तथा तत्कालीन पशुपालन मंत्री की साठगांठ से उक्त राशि की अवैध निकासी की गयी थी.
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बिहार के पूर्व सीएम व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद सहित 110 आरोपी इस मामले में ट्रायल फेस कर रहे है़ं मामले में 170 आरोपी थे, जिसमें कुछ की मृत्यु हो गयी. पांच आरोपी फरार हैं, जबकि कुछ ने अपना दोष स्वीकार कर लिया है़ इसमें मुख्य आरोपियों में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, तत्कालीन लोक लेखा समिति के अध्यक्ष जगदीश शर्मा, ध्रुव भगत, पूर्व विधायक आरके राणा, अधिकारियों में तत्कालीन पशुपालन विभाग के अधिकारी फुलचंद सिंह, वित्त सचिव बैक जुलियस, संयुक्त सचिव के एम प्रसाद सहित कई अधिकारी व आपूर्तिकर्ता शामिल है.
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Posted By : Guru Swarup Mishra