रांची : सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके शशि ने मंगलवार को चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद सहित 75 को दोषी करार दिया. इसमें चार राजनीतिज्ञ, एक आइएएस, एक आइआरएस, दो ट्रेजरी ऑफिसर, 32 पशुपालन aहैं. मंगलवार को ही देर शाम मेडिकल बोर्ड की जांच के बाद होटवार जेल से लालू प्रसाद को इलाज के लिए रिम्स भेज दिया गया.
अदालत ने 35 अभियुक्तों को तीन-तीन साल कारावास और 30 हजार से दो लाख रुपये तक दंड की सजा सुनायी. लालू सहित शेष 40 अभियुक्तों के लिए सजा के बिंदु पर 21 फरवरी की तिथि निर्धारित की. इन अभियुक्तों को फैसले के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. जिन अभियुक्तों को तीन-तीन साल की सजा सुनायी गयी, उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.
जिस कोर्ट रूम में मंगलवार को फैसला सुनाया गया, उसमें ही लालू प्रसाद सहित अन्य नेताओं व अधिकारियों को उनके खिलाफ दायर पहले मामले (आरसी 20ए/96) में फैसला सुनाया गया था. लालू प्रसाद को इससे पहले चार मामलों में सजा सुनायी जा चुकी है. लालू प्रसाद व अन्य राजनीतिज्ञों के खिलाफ यहां पांच मामले दर्ज थे.
सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में पूर्व निर्धारित तिथि के आलोक में कांड संख्या आरसी 47ए/96 में न्यायिक कार्यवाही शुरू हुई. अभियुक्तों ने अपनी-अपनी उपस्थिति से संबंधित अर्जी कोर्ट में दाखिल की. तीन अभियुक्तों (मधु मेहता,सुरेश दुबे व बाल कृष्ण शर्मा) ने बीमार होने का हवाला देते हुए अदालत में उपस्थित होने में असमर्थता जतायी. अदालत को बताया गया कि सुरेश दुबे की किडनी खराब है.
वह गंभीर रूप से बीमार हैं. बगैर सहारे के खड़ा भी नहीं हो सकते हैं. बालकृष्ण का पैर टूट गया है. चलने में असमर्थ हैं. अदालत ने हाजिर नहीं होनेवालों को शाम तक हाजिर होने का मौका दिया. फिर नहीं होने पर वारंट जारी करने की बात कही. लालू प्रसाद करीब 11.20 बजे कोर्ट पहुंचे और बेंच पर बैठ गये. विशेष न्यायाधीश ने सभी अभियुक्तों की उपस्थिति सुनिश्चित की. इसके बाद उन्होंने अपना फैसला सुनाया. न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि मामले में सीबीआइ द्वारा दायर आरोप पत्र, सभी पक्षों के गवाहों के बयान और दस्तावेजी सबूत के आधार पर 75 अभियुक्तों को दोषी करार दिया जाता है. शेष 24 को साक्ष्य के अभाव में बरी किया जाता है.
अदालत ने जिन अभियुक्तों को बरी किया, उन्हें कोर्ट रूम से बाहर जाने का आदेश दिया. विशेष न्यायाधीश ने बालकृष्ण शर्मा और सुरेश दुबे के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया. इसके बाद अदालत ने 35 अभियुक्तों को तीन-तीन साल की सजा सुनायी. अदालत ने जिन अभियुक्तों को तीन-तीन साल की सजा सुनायी, उसमें लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, जगदीश शर्मा और रांची के तत्कालीन आयकर आयुक्त एसी चौधरी शामिल हैं.
अदालत ने ध्रुव भगत पर 75 हजार और एसी चौधरी पर 1.5 लाख रुपये का अर्थ दंड लगाया. तीन-तीन साल की सजा पानेवाले अभियुक्तों ने जमानत अर्जी दाखिल की, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया. अदालत ने लालू सहित 40 अभियुक्तों के मामले में सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 21 फरवरी की तिथि निर्धारित की. अनुपस्थित रहनेवाले अभियुक्त बाल कृष्ण शर्मा और सुरेश दुबे के खिलाफ वारंट जारी किया.
रांची के तत्कालीन डीसी राजीव कुमार (वर्तमान चुनाव आयुक्त) ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. उन्होंने इस मामले में 72 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया था. इसमें पशुपालन विभाग के अधिकारी, सप्लायर और अन्य शामिल थे. सीबीआइ ने मामले की जांच के बाद कुल 171 लोगों को अभियुक्त बनाया.
एक अभियुक्त का नाम दो बार होने की वजह से अभियुक्तों की वास्तविक संख्या 170 है. इसमें से 55 अभियुक्तों की मौत हो गयी. छह फरार घोषित हो गये. आठ को एप्रुवर बनाया गया. दो ने अपना दोष पहले ही स्वीकार कर दिया. शेष 99 अभियुक्तों ने न्यायिक प्रक्रिया का सामना किया.
लालू प्रसाद को दोषी करार दिये जाने और सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 21 फरवरी की तिथि तय होने के बाद लालू प्रसाद की ओर से एक अर्जी दाखिल की गयी. इसमें उनकी बीमारी का हवाला देते हुए इलाज के लिए अस्पताल भेजने का आदेश देने का अनुरोध किया गया. न्यायालय ने दूसरी पाली में इस पर सुनवाई का समय निर्धारित किया.
अदालत ने इस अर्जी पर विचार करने के उपरांत उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने के बाद मेडिकल बोर्ड से जांच कराने और बोर्ड की अनुशसा के आलोक में इलाज की सुविधा देने का निर्देश दिया. अदालत के इस निर्देश के बाद वह जेल पहुंचे. रांची के सिविल सर्जन की अध्यक्षता में बने मेडिकल बोर्ड ने उनके स्वास्थ्य की जांच की और इलाज के लिए रिम्स भेजने की अनुशंसा की. उसके बाद उन्हें रिम्स भेज दिया गया.
मंगलवार की सुबह लालू प्रसाद मॉर्निंग वॉक करने मोरहाबादी मैदान पहुंचे थे. उनके साथ कई राजद नेता भी थे. शाम में कोर्ट द्वारा चारा घोटाले में दोषी करार दिये जाने के बाद न्यायिक हिरासत में होटवार जेल भेज दिये गये. वहां मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा पर उन्हें रिम्स में भर्ती कराया गया.
Posted By : Sameer Oraon