रांची़ झारखंड हाइकोर्ट ने राजधानी में ट्रैफिक की लचर व्यवस्था में सुधार को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुना. इसके बाद मामले को निष्पादित करते हुए उसे बंद कर दिया. राज्य सरकार के जवाब पर संतोष प्रकट किया. खंडपीठ ने कहा कि शहर के प्रमुख चाैक-चाैराहों पर लगाये गये सीसीटीवी कैमरे काम करने लगे हैं. सरकार ने 600 होमगार्ड जवानों को ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिए तैनात कर दिया है. ट्रैफिक व्यवस्था पर सरकार काम कर रही है. सरकार ने जो प्रस्ताव दिया है, उम्मीद है कि उसे वह सख्ती से पालन करायेगी. इसलिए इस मामले को बंद किया जाता है. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से जवाब दायर कर बताया गया कि सभी जगहों पर पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. जो खराब थे, उसे ठीक कर लिया गया है. ई-रिक्शा (टोटो) व टेंपो चालकों के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है. कोर्ट के आदेश पर 600 होमगार्ड जवानों को ट्रैफिक संभालने में लगाया गया है. ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करनेवालों का चालान काटा (ई-चालान भी) जा रहा है. जुर्माना वसूला जा रहा है. मामले के एमीकस क्यूरी अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने भी पक्ष रखा, जबकि रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी राहुल कुमार दास ने जनहित याचिका दायर की थी. उन्होंने राजधानी रांची की ट्रैफिक व्यवस्था को सुगम बनाने की मांग की थी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है