पशुपालन घोटाला: लालू यादव से जुड़े सबसे बड़े मामले में CBI की बहस पूरी, कल से बचाव पक्ष करेगा जिरह

सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में लालू प्रसाद से जुड़े चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले आरसी-47 ए/ 96 में अभियोजन (सीबीआइ) की आेर से बहस पूरी हो गयी है. ऑनलाइन सुनवाई के दौरान अभियोजन ने 575 गवाह के बयान के आधार बहस पूरी की.

By Prabhat Khabar News Desk | August 8, 2021 11:08 AM
  • स्कूटर, बाइक और ऑटो से ढोये गये थे पशु, चारा ,दवा और उपकरण

  • कल से 27 आरोपियों की गवाही के आधार पर बचाव पक्ष करेगा बहस

  • लालू सहित 110 आरोपी फेस कर रहे हैं ट्रायल

Ranchi News: सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में लालू प्रसाद से जुड़े चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले आरसी-47 ए/ 96 में अभियोजन (सीबीआइ) की आेर से बहस पूरी हो गयी है. ऑनलाइन सुनवाई के दौरान अभियोजन ने 575 गवाह के बयान के आधार बहस पूरी की. बचाव पक्ष की ओर से नौ अगस्त से बहस शुरू होगी. बचाव पक्ष 27 आरोपियों की गवाही के अाधार पर बहस करेगी.

मामला डोरंडा कोषागार से 1990 से 1995 के बीच 139़ 35 करोड़ के अवैध निकासी से जुड़ा हुआ है. इस मामले में अभियोजन की ओर से 15 ट्रंक में रखे दस्तावेज का उल्लेख करते हुए बहस की गयी. यह जानकारी वरीय विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने दी. सीबीआइ के वरीय विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि 139़ 35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी फर्जी आवंटन, फर्जी आपूर्ति पत्र व विपत्र से की गयी.

इसमें पशु, चारा, दवा व उपकरणों की बिना आपूर्ति किये उक्त राशि की निकासी की गयी. इस मामले में गवाहों ने यह भी बताया था कि पशु ढ़ुलाई के लिए स्कूटर, बाइक, आॅटो, जीप आदि का प्रयोग किया गया था. यह बातें देश भर से इस मामले में गवाही के लिए आये 150 डीटीओ की गवाही में सामने आयी हैं.

यह भी पता चला कि पशुपालन विभाग की बजट से 229 प्रतिशत अधिक निकासी की गयी थी. इसमें पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय पशुपालन अधिकारी, वित्त विभाग के अधिकारी बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री लालू प्रसाद तथा तत्कालीन पशुपालन मंत्री की सांठ-गांठ से उक्त राशि की अवैध निकासी की गयी. डाेरंडा कोषागार से 139़ 35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी है मामला

इस मामले में लालू प्रसाद सहित 110 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे हैं. मामले में 170 आरोपी थे, जिसमें कुछ की मृत्यु हो गयी है. पांच आरोपी फरार हैं, जबकि कुछ ने अपना दोष स्वीकार कर लिया है. मुख्य आरोपियों में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, तत्कालीन लोक लेखा समिति के अध्यक्ष जगदीश शर्मा, ध्रुव भगत, पूर्व विधायक आरके राणा के अलावा अधिकारियाें में पशुपालन विभाग के अधिकारी फूलचंद सिंह, वित्त सचिव बेक जूलियस, संयुक्त सचिव केएम प्रसाद सहित कई अधिकारी व आपूर्तिकर्ता शामिल हैं.

Posted by: Pritish Sahay

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