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झारखंड में मिड-डे मील : 5 रुपये 45 पैसे में चावल-दाल, पापड़ छोला और सलाद कैसे खिलाए स्कूल

20 सालों में मिड-डे मील की राशि में 3.45 रुपये की बढ़ोतरी हुई है, जिसके बाद यह राशि दो रुपये से बढ़कर 5.45 रुपये हो गई. इसी में स्कूल बच्चों को पापड़, छोला से लेकर सलाद तक खिलाएंगे.

रांची, सुनील कुमार झा : मध्याह्न भोजन योजना (प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण) के तहत प्रति विद्यार्थी दी जानेवाली राशि में पिछले 20 वर्षों में 3.45 रुपये की वृद्धि हुई है. राज्य में वर्ष 2004-05 में कक्षा एक से पांच के लिए प्रति बच्चे दो रुपये दिये जाते थे. वर्तमान में यह राशि 5.45 रुपये है. वहीं पिछले 10 वर्ष में इसमें 1.86 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. महंगाई को देखते हुए दी जा रही राशि में बच्चों को प्रावधान के अनुरूप पौष्टिक भोजन देना परेशानी का सबब बन गया है. वर्तमान में कक्षा एक से पांच के लिए प्रति बच्चे कुकिंग काॅस्ट 5.45 रुपये व कक्षा छह से आठ के लिए 8.17 रुपये दिये जा रहे हैं. मध्याह्न भोजन के लिए इस राशि के अलावा चावल अलग से उपलब्ध कराया जाता है. इस राशि में से दाल, सब्जी, मसाला, तेल, नमक के साथ रसोई गैस का खर्च शामिल है. मध्याह्न भोजन योजना केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जाता है. इसमें 60 फीसदी राशि केंद्र व 40 फीसदी राशि राज्य सरकार द्वारा दी जाती है. पिछले 10 वर्षों में मध्याह्न भोजन की राशि में हुई बढ़ोतरी को देखा जाये तो वर्ष 2014 में कक्षा एक से पांच के प्रति विद्यार्थी के लिए कुकिंग काॅस्ट 3.59 रुपये व छह से आठ के लिए 5.38 रुपये दिये जाते थे. वर्तमान में यह राशि क्रमश: 5.45 रुपये व 8.17 रुपये हैं. ऐसे में पिछले 10 वर्षों में कक्षा एक से पांच की राशि में 1.86 रुपये की एवं कक्षा छह से आठ में 2.79 रुपये की बढ़ोतरी हुई है.

मेन्यू में छोला से लेकर पापड़ तक शामिल

स्कूलों में दिये जाने वाले मध्याह्न भोजन के मेन्यू में छोला, चने की सब्जी से लेकर पापड़ तक शामिल है. चावल, दाल के साथ हरी सब्जी बच्चों को देनी है. स्कूलों में खाना बनानेवाली रसोइया संघ का कहना है कि इस राशि में तय मेन्यू के अनुरूप बच्चों को खाना देना मुश्किल है.10 वर्ष में मध्याह्न भोजन की राशि में 1.86 रुपये की वृद्धि हुई. पिछले चार वर्ष में अब तक एक बार राशि में बढ़ोतरी हुई है. कक्षा एक से पांच के लिए 5.45 रुपये व छह से आठ के लिए 8.17 रुपये मिलते हैं.

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मध्याह्न भोजन के लिए तय मानक

बच्चों को दिये जाने वाले मध्याह्न भोजन में चावल से लेकर दाल सब्जी तक की मात्रा निर्धारित है. विद्यालयों को इसके अनुरूप ही खाना देना है. विद्यालय में प्रतिदिन बच्चों की उपस्थिति के आधार पर मानक के रूप खाना बनाया जाता है.

सामग्री कक्षा एक से पांच छह से आठ

  • चावल 100 ग्राम 150 ग्राम

  • दाल 20 ग्राम 30 ग्राम

  • सब्जी 50 ग्राम 75 ग्राम

  • तेल 05 ग्राम 7.5 ग्राम

  • नमक, मसाला आवश्यकतानुसार

मध्याह्ल भोजन का मेन्यू

  • सोमवार — चावल, दाल, हरी सब्जी

  • मंगलवार — चावल, छोला या चना की सब्जी व सलाद

  • बुधवार — हरी सब्जी एवं साेयाबीन बड़ी युक्त पुलाव, दाल

  • गुरुवार — चावल, दाल, हरी सब्जी /चोखा, हरी सब्जी युक्त भुजिया

  • शुक्रवार — चावल, दाल, हरी सब्जी

  • शनिवार — खिचड़ी (हरी सब्जी, सोयाबीन बड़ी,पालक युक्त) अचार एवं पापड़

(नोट : इसके अलावा बच्चे को सप्ताह में दो दिन एक-एक अंडा दिया जाता है.)

मध्याह्न भोजन योजना का उद्देश्य

मध्याह्न भोजन योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों को विद्यालय से जोड़ने, उपस्थिति बढ़ाने , ड्राॅप आउट कम करने के साथ दिन में पौष्टिक खाना उपलब्ध कराना है. मध्याह्न भोजन योजना चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया था. झारखंड में वर्ष 2003 में बच्चों को स्कूलों में दिन का खाना देना शुरू किया गया था. प्रारंभ में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 3140 विद्यालयों में कक्षा पांचवीं तक के बच्चों के लिए इसे शुरू किया गया था.

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