रांची : दिल्ली व एनसीआर में फंसे झारखंडियों के लिए झारखंड सरकार ने दिल्ली स्थित झारखंड भवन में हेल्पलाइन सेंटर किया है. इसका नंबर भी जारी किया गया है. यह हेल्पलाइन नंबर चौबीस घंटे काम करेगा. दिल्ली-एनसीआर में फंसे लोगों को यदि किसी प्रकार की मदद की जरूरत है, तो वे झारखंड भवन से जुड़ कर सहायता ले सकते हैं.
ये नंबर हैं 08826652716 और 9810015104. वाट्सएप मैसेज भी इसी नंबर पर भेजा जा सकता है. गौरतलब है कि दिल्ली एनसीआर में झारखंड के हजारों लोग फंसे हुए हैं और सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. सरकार ने दिल्ली में मदद देने का फैसला किया है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हेल्प लाइन नंबर जारी करते हुए कहा है कि दिल्ली-एनसीआर में फंसे झारखंडी भाई-बहन झारखंड भवन के नंबर पर अपनी जानकारी साझा कर मदद पा सकते हैं. झारखंड सरकार अन्य राज्यों में भी फंसे लोगों को सरकारी तंत्र और संगठन समूहों के माध्यम से शीघ्र मदद पहुंचाने के लिए कार्य कर रही है. सीएम ने कहा कि कृपया हेल्पलाइन पर कॉल करें, यदि आप दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में कहीं फंसे हुए हैं.
किसी कारण अगर आप सीधे हेल्पलाइन से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं, तो अपने संदेश को आवश्यक डिटेल के साथ वाट्सएप करें. जिससे आपसे संपर्क स्थापित हो सके. सीएम ने कहा कि इस आपदा की घड़ी में आपकी मुश्किल मैं समझ रहा हूं, पर अभी राज्य वापस लाना मुनासिब नहीं है. आप जहां हैं, वहीं रहें, तो सुरक्षित हैं. सीएम ने कहा कि सरकार देश भर में फंसे हुए झारखंड के सभी लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. नोडल अफसर देशभर में फंसे झारखंड के लोगों को हर मुमकिन सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत हैं.
हेमंत सोरेन ने सभी मुख्यमंत्रियों से नोडल अफसरों को सहयोग करने की अपील की
रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देश के सभी मुख्यमंत्रियों से उनके राज्यों में फंसे झारखंडियों के मदद की अपील की है. उन्होंने आग्रह किया है कि वे अपने-अपने राज्यों के अधिकारियों को यह निर्देश दे कि उनके राज्यों में फंसे झारखंडवासियों की सहायता के लिए झारखंड के नोडल अफसरों को सहयोग करें. सीएम ने दिल्ली, केंद्रशासित प्रदेशों, तेलंगना, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, कर्नाटक, यूपी, एमपी, ओड़िशा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा आदि के मुख्यमंत्रियों से अपील की है.
महाराष्ट्र में फंसे चार जिलों के 62 लोग,नहीं मिल रहा खाना
झारखंड के चार जिलों गिरिडीह, बोकारो, धनबाद और देवघर के 62 लोग ऐसे हैं, जो दिहाड़ी मजदूरी करने के लिए महाराष्ट्र गये थे. लेकिन नोबेल कोरोना वायरस के कारण उनका काम बंद हो गया है. जो पैसे उनके पास थे, उससे वे किसी तरह काम चला रहे थे. लेकिन अब उनके पास पैसे भी नहीं बचे हैं. मजदूरों ने परेशानियों के संबंध में प्रभात खबर को बताया कि उनलोगों की स्थिति अच्छी नहीं है. दो दिनों से पानी पीकर गुजारा कर रहे है. गिरिडीह के 27, दुमका के छह और बोकारो, धनबाद के 29 मजदूर महाराष्ट्र में फंसे हुए हैं.