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Jharkhand News: झारखंड के युवाओं को विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के लिए मिलेगी छात्रवृति, ऐसे करें आवेदन

देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब किसी राज्य के युवाओं को विदेश में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए ब्रिटिश हाई कमीशन के साथ कोई साझा पहल की जा रही है.

रांची: झारखंड के युवाओं को विदेश में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए सरकार और ब्रिटिश हाई कमीशन बीच एमओयू करार हुआ है, इसके तहत छात्रों को स्कॉलरशिप की सुविधा दी जाएगी. इसका लाभ राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिभाशाली युवाओं को मिलेगा. सभी चयनित छात्रों को गोमके जयपाल सिंह मुंडा स्कॉलरशिप के तहत ये सुविधा दी जाएगी. आपको बता दें कि देश के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब किसी राज्य के युवाओं को विदेश में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए ब्रिटिश हाई कमीशन के साथ कोई साझा पहल की जा रही है.

इसके लिए झारखंड सरकार और विदेश राष्ट्रमंडल व विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ब्रिटिश उच्चायोग, नयी दिल्ली के साथ तीन साल का एमओयू किया जायेगा. इससे पूर्व झारखंड सरकार द्वारा मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय स्कॉलरशिप योजना के जरिये यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉर्थन आयरलैंड के चयनित संस्थानों/विश्वविद्यालयों के चयनित पाठ्यक्रम में अध्ययन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही थी.

स्कॉलरशिप योजना के तहत सितंबर 2021 में चयनित सात छात्र/छात्राएं जब उच्च शिक्षा के लिए विदेश जा रहे थे, तब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि जल्द ही सभी वंचित वर्ग जैसे अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिभाशाली युवाओं को भी अनुसूचित जनजाति के युवाओं के साथ उच्च शिक्षा का अवसर दिया जायेगा.

यह वादा पूरा हुआ और कैबिनेट से इसका प्रस्ताव पारित हुआ. साथ ही, मुख्यमंत्री के प्रयास से ब्रिटिश उच्चायोग द्वारा अधिकतम पांच छात्र/छात्राओं को स्कॉलरशिप प्रदान करने हेतु मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा स्कॉलरशिप योजना के साथ साझेदारी करते हुए शेवनिंग-मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा स्कॉलरशिप योजना शुरू की गयी. यह वैश्विक स्कॉलरशिप योजना अपने आप में अनूठी है.

अब 25 छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जायेगी

योजना के तहत पूर्व में अधिकतम 10 छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही थी, लेकिन अब अधिकतम 25 छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जायेगी. झारखंड की अनुसूचित जनजाति के अधिकतम 10, अनुसूचित जाति के अधिकतम पांच, अल्पसंख्यक के अधिकतम तीन एवं पिछड़ा वर्ग के अधिकतम सात प्रतिभावान छात्र/छात्राओं को चयनित कर प्रत्येक वर्ष विदेश में स्थित अग्रणी विश्वविद्यालयों और संस्थानों के चयनित कोर्स में उच्च स्तरीय शिक्षा यथा मास्टर्स/एमफिल हेतु स्कॉलरशिप प्रदान की जायेगी. साथ ही स्कॉलरशिप योजना के अंतर्गत विषयों को भी 22 से बढ़ा कर 31 किया गया है.

Posted : Sameer Oraon

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