अधिवक्ताओं के पांच लाख के स्वास्थ्य व दुर्घटना बीमा के लिए फार्म वितरण शुरू

वेलफेयर ट्रस्टी कमेटी के सदस्य बनने में आयी तेजी, 500 से अधिक सदस्य बने

By Prabhat Khabar News Desk | October 27, 2024 12:29 AM

राणा प्रताप, रांची. झारखंड सरकार द्वारा अधिवक्ताओं के स्वास्थ्य बीमा को लेकर लिये गये निर्णय के आलोक में एडवोकेट वेलफेयर ट्रस्टी कमेटी ने जिला एसोसिएशनों को फार्म उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है. ट्रस्टी कमेटी के 15,000 अधिवक्ता सदस्य हैं. सदस्य बनने में भी तेजी आयी है. वहीं संबंधित जिला बार एसोसिएशन को ट्रस्टी कमेटी के सदस्यों से फार्म भरवाने को कहा जा रहा है, ताकि उन्हें स्वास्थ्य व दुर्घटना बीमा का लाभ मिल सके. अधिक से अधिक अधिवक्ताओं को स्वास्थ्य व दुर्घटना बीमा से जोड़ने को लेकर ट्रस्टी कमेटी के अध्यक्ष सह राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन लगातार प्रयासरत हैं. वे विभिन्न जिलों में जाकर बार एसोसिएशन के सदस्यों से आगे आने की अपील कर रहे हैं. महाधिवक्ता की पहल पर ट्रस्टी कमेटी की ओर से संपर्क अभियान भी चलाया जा रहा है. उधर, वेलफेयर ट्रस्टी कमेटी की सदस्यता लेने में तेजी देखी जा रही है. पिछले दो-तीन सप्ताह में लगभग 500 से अधिक अधिवक्ताओं ने सदस्यता शुल्क जमा कर कमेटी की आजीवन सदस्यता ली है. सदस्य बनने का कार्य नियमित रूप से जारी है. ट्रस्टी कमेटी ने राज्य के नये 500 युवा अधिवक्ताओं को तीन वर्षों तक स्टाइपेंड देने की स्वीकृति दी है. यह योजना पहले से ही जारी है, जिसके तहत 1000 रुपये प्रतिमाह प्रदान किया जाता है. अब इस राशि को प्रतिमाह 5000 रुपये करने का प्रस्ताव है. झारखंड कैबिनेट ने छह सितंबर को दी थी सहमति : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में छह सितंबर को कैबिनेट ने अधिवक्ताओं को पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य व दुर्घटना बीमा का लाभ देने तथा पेंशन व स्टाइपेंड योजना से राज्य सरकार की ओर से वित्तीय सहायता करने की सहमति दी थी. ट्रस्टी कमेटी के सभी सदस्यों का स्वास्थ्य व दुर्घटना बीमा करने, वर्तमान में मिल रहे सात हजार पेंशन में उतनी ही राशि प्रतिमाह देने तथा युवा अधिवक्ताओं को प्रथम तीन वर्ष तक स्टाइपेंड राशि को 5000 रुपये प्रतिमाह करने संबंधी योजनाओं पर अपनी मुहर लगायी थी. वर्तमान में ट्रस्टी कमेटी 1000 रुपये प्रतिमाह स्टाइपेंड देती है. राज्य सरकार ने उक्त योजनाओं को लेकर चालू वित्तीय वर्ष में लगभग 13 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version