बहू की हत्या में पूर्व एडीएम अहमद हुसैन व उनके पुत्र अंदलीब अहमद को मिली उम्र कैद की सजा
अपर न्यायायुक्त दिनेश राय की अदालत ने दहेज की खातिर बहू शाइस्ता हसमत की हत्या के मामले में पूर्व एडीएम अहमद हुसैन व उनके पुत्र अंदलीब अहमद को उम्र कैद की सजा सुनायी. दोनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है़
Jharkhand High Court News: अपर न्यायायुक्त दिनेश राय की अदालत ने दहेज की खातिर बहू शाइस्ता हसमत की हत्या के मामले में मंगलवार को पूर्व एडीएम अहमद हुसैन व उनके पुत्र अंदलीब अहमद को उम्र कैद की सजा सुनायी. दोनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है़ मंगलवार को दोनों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई. गत आठ अगस्त को अदालत में सुनवाई के बाद दोनों दोषी करार दिये गये थे. उसी दिन पूर्व एडीएम को जेल भेजा गया था, जबकि अंदलीब अहमद पहले से जेल में है. मामले में एक अन्य आरोपी मृतका की सास की मौत हो चुकी है़ घटना 12 जुलाई 2017 की है़ मामले में डोरंडा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.
गला घोंट की गयी थी हत्या
मृतका के भाई अबु साहलेह नासिर ने बताया कि वे लोग मुंगेर के शाह जुबेर रोड में रहते है़ं उन्होंने बहन की शादी डाेरंडा के रहमत कॉलोनी निवासी अहमद हुसैन के पुत्र आफताब अहमद से 27 दिसंबर 2015 में करायी थी. शादी के बाद से ही महिला को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा़ एक फ्लैट खरीदने के लिए 15 लाख रुपये की मांग की जाती थी़ दहेज नहीं देने पर 12 जुलाई 2017 को सास, ससुर व देवर ने बिजली की तार से गला घोंट महिला की हत्या कर दी थी. अगले दिन जब महिला के पिता हसमत अली ओला, भाई व अन्य परिजन शव लेने पहुंचे, तब ससुरालवालों ने शव देने से इनकार कर दिया था और मारपीट की थी. इस सदमे में उसी दिन महिला के पिता हसमत अली ओला की मौत हो गयी थी़ इसके पूर्व महिला के पिता ने डोरंडा थाना में प्राथमिकी दर्ज करा दी थी़ इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई थी. गवाहों के बयान और साक्ष्य के आधार पर आरोपियों को दोषी करार दिया गया.
भारी वाहनों के प्रशिक्षण के कितने संस्थान
हाइकोर्ट ने फायरमैन ड्राइवर पद से लीडिंग फायरमैन ड्राइवर व सब-अॉफिसर पद पर प्रोन्नति को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने राज्य सरकार को झारखंड में संचालित भारी वाहनों के प्रशिक्षण संस्थानों से संबंधित ब्योरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने जानना चाहा कि राज्य में कहां-कहां कितने भारी वाहन प्रशिक्षण संस्थान खोले गये हैं. वैसे फायरमैन, जिन्हें लीडिंग फायरमैन ड्राइवर के पद पर प्रोन्नति दी गयी है, उनका ड्राइविंग लाइसेंस कहां से बना है. खंडपीठ ने मामले में परिवहन सचिव को प्रतिवादी बनाते हुए जवाब दायर करने का निर्देश दिया. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि झारखंड अग्निशमन सेवा के अराजपत्रित संवर्ग (नियुक्ति, प्रोन्नति व अन्य सेवा शर्त) नियमावली-2011 के कुछ प्रावधान गलत हैं. सरकार ने फायरमैन व फायरमैन ड्राइवर के पद को मिला कर फायरमैन ड्राइवर का पद बना दिया है.
मुंडारी भाषा के असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति मामले में मांगा गया जवाब
झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने मुंडारी भाषा के असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा: जो दावा-आपत्ति मांगी गयी थी, उस पर क्या निर्णय लिया गया. तीन सप्ताह के अंदर शपथ पत्र दायर करें. यह भी कहा गया कि याचिका के अंतिम फैसले से मुंडारी भाषा के असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रभावित होगी.मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने तीन सप्ताह के बाद की तिथि निर्धारित करने को कहा.