केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिले पूर्व CM बाबूलाल मरांडी, NH से विभिन्न स्थानों को जोड़ने की मांग की
jharkhand news: झारखंड के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिले. इस दौरान तीर्थस्थलों को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने समेत अन्य स्थानों को NH से जोड़ने संबंधी पत्र सौंपा.
Jharkhand news: भाजपा विधायक दल के नेता सह झारखंड के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी से भेंट किये. इस दौरान गिरिडीह, बासुकीनाथ समेत राज्य में जैन-बौद्ध एवं शैव मतावलंबियों के तीर्थस्थलों को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने का आग्रह किया. साथ ही NH-82 के तहत हिसुआ से नवादा और सतगावांगा-तिसरी-चतरो होते हुए चकाई (बिहार) से जोड़ने की मांग संंबंधी पत्र सौंपा है.
राष्ट्रीय राजमार्ग में अपग्रेड करें
श्री मरांडी ने केंद्रीय मंत्री को बताया है कि बिहार के गया से हिसुआ, राजगीर होते हुए बिहारशरीफ जानेवाली राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-82) का चौड़ीकरण किया जा रहा है. इसी राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-82) में स्थित हिसुआ से नवादा (बिहार)-सतगावां-गावां-तिसरी-चतरो (जिला गिरिडीह) होते हुए चकाई (बिहार) तक करीब 138 किलोमीटर PDW मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग में अपग्रेड किया जा सकता है. इस राजमार्ग को चकाई NH-114 में जोड़ना विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.
राष्ट्रीय राजमार्ग पर्यटन पर जोर
साथ ही पत्र में बताया कि बिहार के चकाई (एनएच-114) से देवघर-बासुकीनाथ-दुमका होते हुए रामपुरहाट (पश्चिम बंगाल) मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग में उन्नयन की स्वीकृति मिल चुकी है. टेेंडर की प्रक्रिया भी हो गयी. अगर PDW मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग में अपग्रेड कर दिया जाता है, तो यह राष्ट्रीय राजमार्ग पर्यटन / तीर्थ परिपथ (सर्किट) के रूप में विकसित हो जायेगा.
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श्री मरांडी ने कहा कि इससे एक बड़े ग्रामीण भू-भाग के लोगों को आवागमन की सुगम सुविधा मिलेगी. साथ ही कृषि/ ग्रामीण उत्पादों को एक बड़ा बाजार उपलब्ध होगा. इससे व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि होगी और निश्चित रूप से रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे. इस क्षेत्र में श्रमिक-कृषकों को रोजगार की तलाश में दूसरी जगह पलायन नहीं करना पड़ेगा.
सुलभ आवागमन की मिलेगी सुविधा
उन्होंने पत्र के माध्यम से केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया कि इस मार्ग के निर्माण से बौद्ध, जैन एवं शैव मतालंबियों को तीर्थ स्थलों तक पहुंचने के लिए एक सुलभ आवागमन की सुविधा मिल सकेगी. वहीं, पर्यटन/तीर्थ स्थलों का और विकास संभव हो सकेगा. कहा कि हर साल लाखों पर्यटक/तीर्थयात्री बोधगया, राजगीर, देवघर, बासुकीनाथ एवं तारापीठ दर्शन-पूजा करने एवं घूमने आते हैं. इससे यात्रियों/पर्यटकों की संख्या में भी बढ़ोतरी से आर्थिक गतिविधियों बढ़ेगी. साथ ही प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से आसपास के ग्रामीणों को रोजगार का अवसर मिल सकेगा.
Posted By: Samir Ranjan.