रांची : झारखंड (Jharkhand) के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा (BJP) के वरिष्ठ नेता रघुवर दास (Raghubar Das) ने राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mutki Morcha) एवं उसके मुखिया के परिवार पर करारा हमला किया है. विधानसभा में तब की मुख्य विपक्षी पार्टी को ‘मिर्ची लगी’ (Mirchi Lagi) कहने वाले तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने फिर कहा है, मिर्ची लगी… अब सत्तारूढ़ दल को वही बात कही है.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के केंद्रीय उपाध्यक्ष ने कहा, ‘झामुमो नेताओं को एक शब्द पर मिर्ची लग गयी. इसके लिए मैं क्या कर सकता हूं. मैं कैसे दोषी हो सकता हूं.’ साथ ही उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री को घूम-घूमकर चोर कहना यदि संसदीय है, तो उन्होंने किसी को चोट्टा कह दिया, तो यह असंसदीय कैसे हो गया.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-झामुमो समेत समूचा विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सार्वजनिक मंचों से चोर कहता रहा. पूरे देश में, सभी प्रदेशों में घूम-घूम कर. यदि चोर शब्द संसदीय है, तो चोट्टा शब्द असंसदीय कैसे है? श्री दास ने कहा कि वह भी उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा था कि सरकार के भ्रष्टाचार को जनता के सामने लायें. इस पर झामुमो पिनक गया.
श्री दास ने कहा कि कुछ मामलों की जांच कराने की धमकी दे रहा है. लेकिन रघुवर दास इस तरह की धमकी से डरने वाला नहीं है. जो जांच करनी-करानी है कराओ, परंतु यह तो बताओ कि कोयला-बालू का अवैध उत्खनन हो रहा है या नहीं? पैसे लेकर ट्रांसफर पोस्टिंग हो रही है या नहीं? इस पर सरकार के 10 महीने के कार्यकाल में डेढ़ हजार से ज्यादा बलात्कार की घटनाएं हुई है या नहीं?
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रघुवर दास ने कहा कि यह सब सवाल सीता जी (श्रीमती सीता सोरेन, झामुमो के प्रथम परिवार की पुत्र वधू) ने उठाया है. मीडिया में इससे संबंधित खबरें भरी पड़ी हैं. लेकिन सरकार और सरकारी पार्टी के खैरख्वाह कह रहे हैं कि राज्य में रामराज्य कायम हो गया है. यह रामराज्य वाले सीता जी को तो गलत नहीं कह रहे हैं, लेकिन रघुवर दास पर खीझ उतार रहे हैं.
‘सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली हज करने चली जाये, तो वह हाजी नहीं हो जायेगी. इसलिए मुझे डराइये-धमकाइए मत. मैं हर जांच के लिए तैयार हूं. तीनों वंशवादी पार्टी (झामुमो, कांग्रेस व राजद) की करतूतों की फेहरिस्त लंबी है. बात निकलेगी, तो बहुत दूर तलक जायेगी. भाजपा सड़क से सदन तक लड़ने के लिए कमर कस चुकी है.
रघुवर दास, पूर्व मुख्यमंत्री, झारखंड
उन्होंने कहा कि झामुमो नेता यह फरेब फैलाते रचते रहते रहे हैं कि झारखंड उनके आंदोलन की बदौलत बना है. हकीकत यह है कि समय-समय पर क्षुद्र स्वार्थों के चलते इसी पार्टी ने झारखंड आंदोलन को बेचा. वर्ष 1980 में कांग्रेस ने इन्हें पटाया और यह आंदोलन भूलकर जगन्नाथ मिश्र की गाय का दूध पीने लगे. फिर लालू प्रसाद की भैंस का दूध पीने लगे और बाद में नरसिम्हा राव की बकरी का दूध पीते-पीते जेल चले गये थे.
श्री दास ने पूछा कि क्या वह जेल यात्रा झारखंड आंदोलन के कारण हुई थी? नहीं. झामुमो सांसदों ने कांग्रेस की सरकार बचाने के लिए घूस ली थी. उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ इस आधार पर बरी किया था कि मामला चूंकि संसद के अंदर का है, इसलिए वह सजा नहीं दे सकता.
श्री दास यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा, ‘जरा सोचिए, जिसका शीर्ष नेतृत्व संसद में पैसा लेकर वोट बेचता हो, जिसके घर की बहू चोरी-चकारी, फर्जीवाड़े का खुलेआम आरोप लगाती हो, जिसके राज में अवैध कोयला-बालू लदे ट्रक पकड़े जाने के बावजूद छोड़ दिये जाते हों, उसे विपक्ष आखिर किस शब्द से विभूषित करे. विपक्ष का काम ही है सरकार को घेरना. उसके कुकृत्यों का पर्दाफाश करना और मैं वह करता रहूंगा.
जो सच है, मैंने वही कहा है और कहता रहूंगा. बहत्तर छेद वाली छलनी सूप का क्या जांच करायेगी? वैसे भी रघुवर दास कोई कुम्हड़े का बतिया नहीं है, जो किसी की तर्जनी के इशारे पर कुम्हला जायेगा.
रघुवर दास, पूर्व मुख्यमंत्री, झारखंड
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली हज करने चली जाये, तो वह हाजी नहीं हो जायेगी. इसलिए मुझे डराइये-धमकाइए मत. मैं हर जांच के लिए तैयार हूं. तीनों वंशवादी पार्टी (झामुमो, कांग्रेस व राजद) की करतूतों की फेहरिस्त लंबी है. बात निकलेगी, तो बहुत दूर तलक जायेगी. भाजपा सड़क से सदन तक लड़ने के लिए कमर कस चुकी है.’
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रघुवर दास ने कहा, ‘जो सच है, मैंने वही कहा है और कहता रहूंगा. बहत्तर छेद वाली छलनी सूप का क्या जांच करायेगी? वैसे भी रघुवर दास कोई कुम्हड़े का बतिया नहीं है, जो किसी की तर्जनी के इशारे पर कुम्हला जायेगा.’
Posted By : Mithilesh Jha