मेदिनीनगर. शहर के बालिका गृह में नाबालिग बच्चियों के यौन शोषण मामले में दो महीने से फरार चल रहे पूर्व सीडब्ल्यूसी सदस्य धीरेंद्र किशोर को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. उस पर पोक्सो एक्ट समेत गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज है. आरोप है कि वह लड़कियों का फोटो खींच कर अपने मोबाइल में रखता था. बालिका गृह की काउंसलर के मोबाइल फोन में उसके साथ हुई चैट भी पुलिस को मिले थे. पुलिस ने सदर अस्पताल में मेडिकल चेकअप कराने के बाद धीरेंद्र को जेल भेज दिया है. इससे पहले इस मामले में बालिका गृह के संचालक राम प्रताप गुप्ता(72) और महिला काउंसलर प्रियंका कुमारी(26) को जेल भेजा जा चुका है. बालिका गृह में रहनेवाली बच्चियों के फर्द बयान के आधार पर मेदिनीनगर महिला थाना में पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था.
नवंबर में जांच के लिए आयी थी मानवाधिकार संगठन की टीम
नवंबर में मानवाधिकार संगठन की एक टीम अध्यक्ष संध्या सिन्हा के नेतृत्व में बालिका गृह की व्यवस्था की जांच करने पहुंची थी. इस क्रम में बच्चियों ने यौन-शोषण की बात बतायी थी. आरोपी राम प्रताप गुप्ता का घर बालिका गृह के पास ही बैंक कॉलोनी में है. आरोप लगानेवाली बच्चियों ने बताया कि दीपावली से छठ के बीच दो बार राम प्रताप उन्हें अपने घर ले गया था. बालिका गृह में बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद इसे जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया था. जांच के बाद बालिका गृह को सील कर सभी लड़कियों को जेलहाता स्थित सखी वन स्टॉप सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया था. पिछले तीन वर्षों से एनजीओ विकास इंटरनेशनल को इसे चलाने का जिम्मा दिया गया था. तीन सदस्यीय जांच कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर पलामू डीसी शशि रंजन ने आइसीपीएस के जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश कुमार, संरक्षण पदाधिकारी संस्थागत कामदेव पासवान और काउंसलर सरस्वती देवी को बर्खास्त कर दिया था.
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