रांची: झारखंड सरकार के पथ निर्माण विभाग के दो वर्षों की कोशिश रंग लायी है. केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने झारखंड की आठ बड़ी सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है. सभी परियोजनाओं की सम्मिलित लंबाई 1570 किमी होगी, जिस पर करीब 30 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जाने की संभावना है. यानी अगर सबकुछ योजना अनुसार चला, तो तीन-चार वर्षों में झारखंड में रोड कनेक्टिविटी का स्वरूप पूरी तरह बदल जायेगा.
गौरतलब है कि झारखंड सरकार राज्य की रोड कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए भारत सरकार से कई बड़ी सड़क परियोजनाएं लेने की कोशिश में लगी हुई थी. इस मुद्दे पर केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव और झारखंड के पथ निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार के बीच देवघर और रांची दो बैठकें भी हुई थीं. अब जब केंद्रीय सचिव ने सड़क परियोजनाओं पर सहमति जता दी है, तो जल्द ही इनका डीपीआर तैयार कराने की कवायद शुरू की जायेगी और उसे स्वीकृति के लिए मंत्रालय को भेजा जायेगा.
पथ निर्माण विभाग यह प्रयास कर रहा है कि राज्य के एक हिस्से को दूसरे हिस्से से जोड़ने के लिए प्रमुख मार्गों को फोरलेन का बना दिया जाये. इन योजनाअों का कुछ हिस्सा फोरलेन का है. इसके अलावा सिंगल व टू लेन सड़क को भी फोरलेन बनाया जायेगा. वहीं, गांवों से गुजरनेवाली सड़कों को भी फोरलेन बनाने की तैयारी है. इन सड़कों के बनने से प्रमुख शहरों के बीच की दूरी कम होगी.
राज्य में सड़कों का जाल बिछाना हमारा लक्ष्य है. भारत सरकार की ओर से राज्य को ‘भारतमाला’ के तहत एनएच के लिए सड़क परियोजनाएं दी जा रही हैं. राज्य सरकार भी अपने संसाधन से सड़कों का निर्माण करा रही है. इससे राज्य की दशा और दिशा दोनों में बड़ा बदलाव आयेगा. सड़क से ही राज्य की छवि बनती और िबगड़ती है.
सुनील कुमार, सचिव, पथ निर्माण विभाग, झारखंड सरकार
Posted By: Sameer Oraon