रिम्स के हृदय रोगियों से हो रहीं है पैसों की ठगी, सिंगल चेंबर पेसमेकर लगाने के नाम पर ले रहे हैं एम्स से भी ज्यादा पैसा

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By Prabhat Khabar News Desk | December 25, 2020 9:01 AM

fraud in pacemaker in jharkhand rims, fraud in the name of pacemaker in rims रांची : रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग में हृदय रोगियों को पेसमेकर के नाम पर ठगा जा रहा है. एक ओर जहां दिल्ली स्थित एम्स में सिंगल चेंबर पेसमेकर लगाने के लिए 48,670 रुपये और डबल चेंबर पेसमेकर लगाने के लिए 1.10 लाख रुपये लिये जाते हैं. वहीं, रिम्स में मरीजों को सिंगल चेंबर पेसमेकर लगवाने के लिए 80,000 रुपये और डबल चेंबर पेसमेकर लगवाने के लिए 1.50 लाख रुपये देने पड़ते हैं.

यानी यहां मरीजों से पेसमेकर के लिए 30 से 40 हजार रुपये अधिक वसूले जा रहे हैं. एम्स में एफडीए एप्रूव्ड ‘पीएम-1152 मॉडल’ के पेसमेकर की कीमत जीएसटी के साथ 38,640 और लिड की कीमत 10,030 रुपये होती है. यानी पेसमेकर के पूरे सेट की कुल कीमत 48,670 रुपये होती है. इधर, तो रिम्स का किसी कंपनी के साथ रेट काॅन्ट्रेक्ट नहीं है.

इस कारण डॉक्टर अपनी पसंदवाली कंपनियों से ही उपकरण मंगवाते हैं. रिम्स में दो कंपनियां सेंटज्यूड और मेट्रॉनिक पेसमेकर उपलब्ध कराती हैं. पेसमेकर की एमआरपी ज्यादा होती है, साथ ही कंपनियां भी इस पर अच्छी-खासी छूट देती हैं. लेकिन, इसकी वास्तविक कीमत की जानकारी मरीजों को नहीं होती है. ऐसे में मरीजों को जो कीमत बतायी जाती है, वे उसका भुगतान कर देते हैं.

एम्स की तरह वेतन व सुविधाएं लेता है रिम्स, पर मरीजों को नहीं मिलतीं सुविधाएं

रिम्स में प्रोसिज्याेर के नाम पर अलग चार्ज किया जाता है मरीजों से

रेट काॅन्ट्रेक्ट नहीं होने से डॉक्टरों की पसंदवाली कंपनियों से मंगाये जाते हैं उपकरण

ऐसे लिया जाता है मरीजों से पैसा

पेसमेकर एम्स की कीमत रिम्स में मरीज देते हैं

सिंगल चेंबर 48,670 80,000 से 85,000

डबल चेंबर 1.10 लाख 1.50 लाख

डबल चेंबर (अपग्रेड) 2.0 लाख 2.50 लाख

आयुष्मान भारत योजना में राज्य को घाटा

आयुष्मान भारत योजना और स्टेम्स इंडिया के लाभुकों से पेसमेकर की निर्माता कंपनियों को लाभ होता है. दोनों योजनाओं के तहत हृदय रोगियों को वीवीआइ पेसमेकर लगाने के लिए रिम्स 55 हजार का एस्टीमेट देता है. जबकि, इसका मूल्य 38 हजार है.

क्या है पेसमेकर

ऐसे में सरकार को 17 हजार का नुकसान होता है. वहीं, रिंबर्समेंट वाले मरीज महंगा व अपडेट पेसमेकर लगाते हैं, क्योंकि उनको पैसा वापस मिल जाता है. ऐसे हृदय रोगी को डबल चेंबर का अपग्रेड पेसमेकर लगाया जाता है. इसकी कीमत एम्स में दो लाख रुपये है. जबकि रिम्स में मरीजों से 2.50 लाख रुपये लिये जाते हैं.

यह डिवाइस हृदय की मांसपेशियों में इलेक्ट्रिक इम्पल्स भेजता है, जिससे आर्टिफिशियल हार्ट बीट बनती है और हार्ट रेट सामान्य हो जाती है. पेसमेकर को दिल के लेफ्ट या राइट कॉलर बोन में त्वचा के नीचे लगाया जाता है. एक पेसमेकर 10 से 12 साल चलता है.

Posted by : Sameer Oraon

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