नया साल आने वाला है, लेकिन गुजरे वर्ष ने झारखंड की राजनीति में कई नयी कहानियां गढ़ दी हैं, जो आनेवाले कई वर्षों तक याद रखा जायेगा़ यह साल राजनीतिक उठापटक, हलचल और रोमांचवाला रहा. राज्य में बहुमतवाली हेमंत सोरेन सरकार को लेकर अटकलें लगती रही. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ऑफिस ऑफ प्रोफिट के मामले में घिरे, तो कभी निकले़ झारखंड की राजनीति में लिफाफा का मिथ्य बना रहा. पक्ष-विपक्ष चुनाव आयोग से गवर्नर को आये एक लिफाफा के खुलने का इंतजार करता रहा. 24 अगस्त से ही राजनीतिक गलियारे और मीडिया में इस लिफाफे को लेकर तरह-तरह के कयास लगते रहे़ यह लिफाफा पूरे साल नहीं खुला. इस लिफाफा ने ऐसा राजनीतिक उफान पैदा कर दिया कि सरकार के अंदर बेचैनी रही. सरकार के अंदर कोई सेंधमारी ना हो, इससे बचने के लिए पूरा यूपीए कुनबा रायपुर के रिसॉर्ट जा पहुंचा. इस रिसॉर्ट की वादियों में यूपीए के विधायक बंद रहे, तो सरकार ने राहत की सांस ली. राज्य सरकार ने 11 नवंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया़ झारखंड की राजनीति का अहम एजेंडा 1932 के खतियान को लेकर सदन ने प्रस्ताव पारित किया़ यह राज्य की राजनीति के लिए बड़ा कदम था.
Advertisement
Video : बंद लिफाफे से लेकर 1932 खतियान तक, राजनीतिक घटनाओं वाला साल रहा 2022
साल 2022 राजनीतिक उठापटक, हलचल और रोमांचवाला रहा
By Raj Lakshmi
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement