यथार्थ के साथ आशावादी होकर विकसित भारत के संकल्प को पूरा करें: प्रो ई बालागुरुस्वामी

राज्यपाल के शैक्षणिक सलाहकार प्रो ई बालागुरुस्वामी ने कहा है कि 2047 के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए यथार्थ पर रहते हुए आशावादी होना होगा.

By Prabhat Khabar News Desk | April 15, 2024 6:36 PM

रांची. राज्यपाल के शैक्षणिक सलाहकार प्रो ई बालागुरुस्वामी ने कहा है कि 2047 के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए यथार्थ पर रहते हुए आशावादी होना होगा. प्रो बालागुरुस्वामी सोमवार को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के सभागार में आंबेडकर जयंती के मौके पर आयोजित सेमिनार सह व्याख्यान में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. इसका विषय था डॉ आंबेडकर और समानता आधारित समाज का सपना. उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और संविधान के निर्माता भीमराव आंबेडकर की विचारधारा में समानता स्थापित करते हुए विद्यार्थियों को सिक्स इ की संकल्पना द्वारा विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने की सलाह दी. इसमें कास्टिज्म, समानता, एजुकेशन फॉर ऑल, महिला सशक्तीकरण, समानुभूति और आर्थिक सुरक्षा. उन्होंने कहा कि छह मूल अवधारणाओं के साथ डॉ भीमराव आंबेडकर की सोच के साथ 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को पूर्ण रूप से प्राप्त किया जा सकता है. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विवि के कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि डॉ आंबेडकर न सिर्फ एक समाज सुधारक, न्यायविद, अर्थशास्त्री और तुलनात्मक धर्म दर्शन के विद्वान थे, बल्कि उन्हें भारतीय संविधान के जनक के तौर पर जाना जाता है. उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक की परिकल्पना हिल्टन यंग कमीशन की सिफारिश पर की गयी, जो आंबेडकर के लेख रुपये की समस्या और मूल एवं समाधान में दिये गये दिशा निर्देश से प्रेरित था. मौके पर झारखंड ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ टीएन साहू, डीएसपीएमयू के पूर्व कुलपति डॉ एसएन मुंडा, डॉ एसएम अब्बास, प्रॉक्टर डॉ पंकज कुमार, पीआरओ प्रो राजेश कुमार सिंह, डॉ शुचि बरवार सहित अन्य मौजूद थे.

विकसित भारत के सपने को पूरा करने में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण तत्व : प्रो सीबी शर्मा

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में शामिल स्कूल ऑफ एजुकेशन इग्नू के निदेशक प्रो सीबी शर्मा ने नयी शिक्षा नीति 2020 पर विचार रखे. उन्होंने कहा कि विकसित भारत 2047 के सपने को पूरा करने में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण तत्व है. डॉ आंबेडकर दलित और महिला वर्ग के सशक्तीकरण के लिए राजनीतिक अधिकारों के पक्षधर थे. प्रो शर्मा ने कहा कि वर्तमान में प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर पर स्थानीय भाषा में शिक्षा की जो व्यवस्था नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत की गयी है वह पूरे तौर पर आंबेडकर के विचारों से ही प्रेरित है. वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में एनसीइआरटी यूपी के पूर्व निदेशक डॉ सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने ऑनलाइन कहा कि शिक्षा किसी भी देश की असमानता को दूर करने का सबसे सशक्त साधन है. नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कृषि एवं औद्योगिक शिक्षण पद्धति हाथ के हुनर को प्राथमिकता देती है.

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