कार्तिक पूर्णिमा मंगलवार को है. सोमवार को दिन के 3 बजकर 59 मिनट से पूर्णिमा लग जायेगा, जो मंगलवार को दिन के 3 बजकर 53 मिनट तक रहेगा. मंगलवार को भरनी नक्षत्र है, जो रात 1 बजकर 52 मिनट तक रहेगा. इस दिन स्नान आदि की पूर्णिमा है. इसी दिन कार्तिक मास का समापन और व्रत नियम आदि का समापन हो जायेगा.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा और उसकी सहायक नदियों और सरोवरों आदि में स्नान और भगवान सत्यनारायण की पूजा करने और कथा के श्रवण आदि का विशेष महत्व है. हालांकि, सोमवार को पूरी रात पूर्णिमा मिलने के कारण इसी दिन व्रत की पूर्णिमा मान्य है. मंगलवार को उदय काल में पूर्णिमा मिलने के कारण सारा दिन पूर्णिमा माना जायेगा.
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मंगलवार को चंद्र ग्रहण होने के कारण लोग सोमवार को ही अपने-अपने घरों में सत्यनारायण भगवान के कथा का श्रवण कर रहे हैं. कई लोग मंगलवार की रात को इसका श्रवण करेंगे. ग्रहण की समाप्ति के बाद स्नान ध्यान कर मंदिरों की साफ-सफाई करके पूजा-अर्चना की जायेगी. ग्रहण के कारण मंदिरों के कपाट दिन भर बंद रहेंगे. इस अवधि में केवल मंत्र जाप आदि का विशेष महत्व है. गर्भवती स्त्रियों को चंद्र ग्रहण देखने और इस दौरान किसी भी चीज को काटने आदि की मनाही होती है.
अगले वर्ष यानी वर्ष 2023 में 28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण लगेगा. यह ग्रहण भारत में दृश्यमान होगा. इसके अलावा 20 अप्रैल व 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगेगा, जो भारत में नहीं दिखेगा.
मंगलवार को खग्रास चंद्र ग्रहण है, जो संपूर्ण भारत में दिखेगा. भारतीय समयानुसार चंग्र ग्रहण दिन में 3 बजकर 38 मिनट से शुरू हो रहा है. इसका मोक्ष शाम 6 बजकर 19 मिनट पर होगा. इसका मध्य शाम 4 बजकर 29 मिनट पर है. देश में चंद्रोदय के समय ग्रहण लगा रहेगा. सुदूर पूर्वोत्तर राज्यों में खग्रास चंद्र ग्रहण का मध्य 4 बजकर 29 मिनट पर अल्प समय के लिए दिखेगा.
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रांची में शाम 5 बजकर 03 मिनट पर चंद्रोदय है. ग्रहण भारतीय समय के अनुसार, भारत में 5 बजकर 09 मिनट पर शुरू होगा. इसका मोक्ष शाम 6 बजकर 19 मिनट पर है. यह ग्रहण मेष राशि के भरनी नक्षत्र में लग रहा है. रांची में पूर्ण चंद्रग्रहण नौ मिनट तक नजर आयेगा. खगोल विज्ञान केंद्र कोलकाता के अनुसार, आंशिक चंद्र गहण दिन में 2 बजकर 40 मिनट से शाम 6 बजकर 19 मिनट तक रहेगा. दिन के 3 बजकर 46 मिनट से शाम 5 बजकर 12 मिनट तक पूर्ण चंद्र ग्रहण रहेगा.
राज्य में चंद्रोदय के समय ग्रहण दृश्यमान होगा. पंडित कौशल कुमार मिश्र ने बताया कि चंद्र ग्रहण का सूतक नौ घंटा पहले मान्य होता है. इस कारण से प्रात: 8 बजकर 09 मिनट से सूतक लग जायेगा. उन्होंने कहा कि चंद्रमा उदय के समय से ही ग्रहण लगे होने के कारण शास्त्र में 12 घंटे पहले इसका सूतक मानने का विधान है. यह ग्रहण भारत के अलावा एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी और मध्य अमेरिका में दृश्यमान होगा.
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मेष: घात
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वृष: हानि
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मिथुन: लाभ
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कर्क: सुख
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कन्या: कष्ट
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तुला: स्त्री पीड़ा
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वृश्चिक: शौख्य
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धनु: चिंता
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मकर: व्यथा
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कुंभ: श्री
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मीन: क्षति
रिपोर्ट- राज कुमार, रांची