Sajal Chakraborty IAS, Bholu, Shilpi, Ranchi: रांची : झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती को जीव-जंतुओं से बहुत प्यार था. उन्होंने कुत्ते, बिल्ली और बहुत सारे बंदर पाल रखे थे. बंदर से उन्हें खास लगाव था. हाल ही में उनके प्रिय बंदर भोलू और बंदरिया शिल्पी की मौत हो गयी. दोनों रांची के घाघरा में दफन किया गया. सजल ने अपने करीबी लोगों से कहा था कि जब वह मरेंगे, तो उनका अंतिम संस्कार इनके बगल में ही किया जाये.
अब जबकि सजल चक्रवर्ती इस दुनिया में नहीं हैं, उनकी इच्छा के अनुरूप उनका अंतिम संस्कार घाघरा में उसी जगह किया जायेगा, जहां उनके प्रिय बंदर-बंदरिया भोलू और शिल्पी को दफन किया गया था. सजल चक्रवर्ती जब भी फुर्सत में रहते थे, भोलू और शिल्पी को अपने साथ रखते थे. बंदर-बंदरिया दोनों सजल के दोनों कंधे पर बैठे रहते थे.
सजल चक्रवर्ती को शुक्रवार (6 नवंबर, 2020) का अंतिम संस्कार रांची में होगा. उनके शव को बेंगलुरु से रांची लाने का इंतजाम झारखंड सरकार कर रही है. गुरुवार (5 नवंबर, 2020) को बेंगलुरु के नारायण हृदयालय सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में उनका निधन हो गया. उनके आर्टरी में दो ब्लॉकेज थे. उसके ऑपरेशन के लिए पहले वह कोलकाता गये थे.
कोलकाता में रवींद्र नाथ टैगोर हॉस्पिटल के डॉ ललित कपूर ने ऑपरेशन थियेटर में ले जाने के बाद उनकी स्थिति को देखते हुए ऑपरेशन करने से मना कर दिया. इसके बाद सजल चक्रवर्ती कोलकाता से रांची लौट आये. तकलीफ ज्यादा बढ़ गयी, तो वह बेंगलुरु चले गये. वहां नारायण हृदयालय में उनका इलाज शुरू हुआ. गुरुवार को उनका ऑपरेशन किया गया.
सजल चक्रवर्ती का ऑपरेशन सफल रहा, लेकिन बाद में दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया. विमान से शुक्रवार को उनका शव बेंगलुरु से रांची लाया जायेगा. झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती के न बच्चे हैं, न ही परिवार का कोई अन्य सदस्य जीवित है. उनके अंतिम संस्कार की पूरी व्यवस्था सरकार ही करेगी.
Posted By : Mithilesh Jha