झारखंड: आदिवासी आर्थिकी एवं सतत विकास पर संगोष्ठी में क्या बोले डीएसपीएमयू के वीसी डॉ तपन कुमार शांडिल्य?
झारखंड के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एवं विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग के पूर्व कुलपति डॉ रमेश शरण ने उपभोग की संस्कृति को कम करने एवं अपनी आवश्यकताओं में निरंतर कमी करने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि तभी हम जल, जंगल, जमीन बचा सकेंगे.
रांची: आकाशवाणी रांची एवं डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (डीएसपीएमयू) के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में शुक्रवार को आदिवासी आर्थिकी एवं सतत विकास विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीपीएसएमयू के कुलपति (वीसी) डॉ तपन कुमार शांडिल्य थे. उन्होंने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में आदिवासी समुदायों के संघर्ष के इतिहास की उपेक्षा की चर्चा करते हुए आदिवासी आर्थिक क्रियाकलापों का सीधा संबंध पर्यावरण संरक्षण से बताया. उन्होंने देश के आर्थिक विकास में आदिवासियों की बड़ी भागीदारी पर भी बल दिया.
आदिवासी समाज पर बढ़ता बाजार का प्रभाव
एक्सआईएसएस के प्रो अमर एरौन तिग्गा ने आदिवासी समाज पर बढ़ते बाजार के प्रभाव की चर्चा की. सामूहिकता का भाव किस तरह लोप होता जा रहा है, इसकी भी जानकारी दी. प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एवं विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग के पूर्व कुलपति डॉ रमेश शरण ने उपभोग की संस्कृति को कम करने एवं अपनी आवश्यकताओं में निरंतर कमी करने पर बल दिया. तभी हम जल, जंगल, जमीन बचा सकेंगे.
Also Read: झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर व कार्यकारी अध्यक्षों के दो साल का कार्यकाल पूरा, कही ये बात
टीआरआई के शोधार्थी विकास दुबे ने दी ये जानकारी
आकाशवाणी रांची की कार्यक्रम प्रमुख मेरी क्लाडिया सोरेंग ने अतिथियों का स्वागत किया. टीआरआई के शोधार्थी विकास दुबे ने विस्तार से विकास की आधुनिक अवधारणा के संदर्भ में आदिवासी जीवन दर्शन के अनुरूप विकास की चर्चा की. उन्होंने कहा कि आदिवासी आर्थिकी व्यक्तिगत लाभ पर नहीं बल्कि सामूहिक विकास पर बल देती है.
Also Read: झारखंड: कांग्रेसी 27 फीसदी ओबीसी कोटा पर बढ़ेंगे आगे, जानिए बीपी मंडल की जयंती की खास बातें
देश के आर्थिक विकास में आदिवासियों की बड़ी भागीदारी पर दिया बल
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में आदिवासी समुदायों के संघर्ष के इतिहास की उपेक्षा की बात करते हुए आदिवासी आर्थिक क्रियाकलापों का सीधा संबंध पर्यावरण संरक्षण से बताया. जंगल के उत्पादों से अपना जीवन-यापन करने वाले कभी व्यक्तिगत लाभ के लिए महत्वाकांक्षा नहीं रखते. देश के आर्थिक विकास में आदिवासियों की बड़ी भागीदारी पर भी उन्होंने बल दिया.
कार्यक्रम में ये थे उपस्थित
कार्यक्रम का संचालन पंकज मित्र ने किया. धन्यवाद ज्ञापन आकाशवाणी के प्रभु शरण ने किया. इस संगोष्ठी में कुलसचिव डॉ नमिता सिंह, जिंदर सिंह मुंडा, डॉ राकेश, डॉ प्रियांशु, संजीव लाल, राजेश करमहे, दिनेश सिंह समेत बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे.
पिछले दिनों भी हुआ था आयोजन
आपको बता दें कि आकाशवाणी रांची एवं डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में 19 अगस्त 2023 को विश्वविद्यालय के सभागार में तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि थे डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य. उन्होंने दीप प्रज्वलित कर इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया था. आकाशवाणी रांची की कार्यक्रम प्रमुख मेरी क्लॉडिया सोरेंग ने स्वागत भाषण दिया था. इसके बाद मुख्य अतिथि ने अपने देश के विकास, जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता और मेरी माटी मेरा देश के बारे में अपने विचार रखे थे. छात्रों की रचनाशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए इस अवसर पर देशभक्ति गीतों की प्रतियोगिता और भाषण प्रतियोगिता आयोजित करायी गयी थी. प्रतियोगिता के निर्णायकों में शामिल थे डॉ कमल कुमार बोस, कुमार संजय और अनिल किशोर सहाय. इसके बाद देशभक्ति गीतों की एक मधुर गीतों की प्रतियोगिता हुई थी और यह प्रतियोगिता सोलो और ग्रुप दो तरह के कार्यक्रमों में बंटी हुई थी. सोलो कार्यक्रमों में विद्यार्थियों ने देश भक्ति गीत गाए थे.
बच्चों में था काफी उत्साह
सभी बच्चों ने कार्यक्रम में काफी उत्साह से भाग लिया था. ग्रुप सॉन्ग के गीतों को भी अतिथियों ने काफी पसंद किया. इस कार्यक्रम का समापन आनंद प्रकाश सिंह (आकाशवाणी रांची) के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ. कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ नमिता सिंह, हिंदी विभाग के जिन्दर सिंह मुंडा, अंग्रेजी विभाग के डॉ विनय भरत और परफॉर्मिंग आर्ट्स विभाग की डॉ गीतांजलि सिंह ने उपस्थित थे. इस अवसर पर मृणालिनी अखौरी एवं रजत आनंद ने सुमधुर गीतों की प्रस्तुति दी. कार्यक्रम का संचालन राजश्री प्रसाद ने किया था.
Also Read: झारखंड: डीजीपी के आदेश के बाद भी थम नहीं रहे अपराध, बेखौफ अपराधी रांची में वारदातों को दे रहे अंजाम